Advertisment

महामारी के बीच खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट, प्रधानमंत्री मोदी के नाम से पहली पूजा

कोरोना वायरस महामारी के बीच अब बद्रीनाथ धाम के भी कपाट खुल गए हैं. आज सुबह 4.15 बजे बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खोले गए.

author-image
Dalchand Kumar
एडिट
New Update
Badrinath temple

महामारी के बीच खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट, PM मोदी के नाम से पहली पूजा( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

6 माह नर पूज्यंते 6 माह देव पूज्यंते, इन्हीं परंपराओं के साथ भगवान बद्री विशाल के कपाट मंगलवार को ब्रह्म मुहूर्त में ठीक 4:15 पर प्रश्नकाल के लिए खोल दिए गए हैं. परंपराओं का निर्वहन करते कपाट खुलने की पूरी प्रक्रिया संपन्न की गई. भगवान बद्री विशाल के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में स्थित चारों धाम की यात्रा भी शुरू हो गई है. कपाट खुलने से पूर्व की सारी तैयारियां लगभग 3 बजे प्रातः काल से शुरू हो गई थी. मुख्य पुजारी रावल ने मां लक्ष्मी को भगवान विष्णु के मंदिर से विदा करके उनके मूल मंदिर में विराजमान किया. उसके बाद उद्धव जी और कुबेर जी अपने मूल स्थान गर्भ ग्रह में विराजमान हुए.

यह भी पढ़ें: Corona Virus Live Updates : PM नरेंद्र मोदी आज जिलों के अफसरों के साथ बनाएंगे कोरोना के खिलाफ रणनीति

भगवान बद्री विशाल के कपाट खुलने के बाद पहली अभिषेक पूजा लगभग 9:30 बजे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर होगी. देश को आरोग्य और समृद्धि बनाने की पूजा होगी. लगभग 15 नारायण भक्तों ने ऑनलाइन महाअभिषेक पूजा बुकिंग की है. कोरोना के चलते कई लोगों ने पूजा ऑनलाइन कराई है. बदरीनाथ धाम के श्रद्धेय रावल (मुख्य पुजारी), ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी और धर्माधिकारी भुवन चंद उनियाल की अगुवाई में तीर्थ पुरोहित सीमित संख्या में मंदिर में भगवान बदरी विशाल की पूजा-अर्चना नियमित रूप से करेंगे.

देखें : न्यूज नेशन LIVE TV

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने पर प्रसन्नता व्यक्त की है और सभी के आरोग्यता की कामना की है. मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, 'भगवान विष्णु के आठवें बैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट आज ब्रह्म मुहुर्त में 4.15 मिनट पर विधि-विधान और धार्मिक अनुष्ठान के बाद कपाटोद्घाटन किया गया. जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता है. मैं भगवान बदरी विशाल से प्रदेशवासियों की आरोग्यता की कामना करता हूं.'

शीतकाल में जब भगवान बद्री विशाल के कपाट बंद होते हैं तो मां लक्ष्मी गर्भ ग्रह में भगवान विष्णु नारायण के साथ विराजमान हो जाती हैं. उसके बाद उद्धव जी और कुबेर जी की मूर्ति योगदान मंदिर पांडुकेश्वर में शीतकाल में विराजमान होती है. ग्रीष्म काल में भगवान बद्री विशाल के कपाट खुलते ही एक बार पुनः मां लक्ष्मी बद्रीनाथ धाम के समीप ही स्थित लक्ष्मी मंदिर में विराजमान हो जाती हैं, जहां पर जय माता डिमरी पंचायत उनकी पूजा अर्चना करते हैं. साथ ही उद्धव और कुबेर जी गीष्म काल के लिए भगवान नारायण के साथ गर्भ ग्रह में विराजमान हो जाते हैं.

यह भी पढ़ें: Today Horoscope : जानिए कैसा रहेगा आज आपका दिन, पढ़िए 18 मई 2021 का राशिफल 

मंगलवार को कपाट खुलते ही सबसे पहले सभी लोगों ने भगवान बद्री विशाल से कोरोना जैसी विश्वव्यापी बीमारी को देश और दुनिया से खत्म करने की प्रार्थना की. बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि कपाट खुलते ही भगवान बद्री विशाल के दिव्य दर्शन हुए और उसके बाद भगवान बद्री विशाल थे. इस विश्वव्यापी संकट को दूर करने की प्रार्थना की गई, जिसमें पूरे देश और दुनिया में मौजूद भगवान नारायण के भक्तों को भगवान से दूर कर दिया है. उन्होंने कहा कि धीरे धीरे जैसे-जैसे यह बीमारी देश में कब होगी आने वाले समय में तीर्थयात्री बद्रीनाथ धाम आएंगे और हम उनके स्वागत के लिए तैयार भी हैं.

इससे पहले सोमवार को ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट विधि विधान पूर्वक मंत्रोचारण के साथ सोमवार मेष लग्न, पुनर्वसु नक्षत्र में प्रात 5 बजे खुले. इस अवसर पर केदारनाथ मंदिर को 11 क्विंटल फूलों से सजाया गया. केदारनाथ धाम में प्रथम रूद्राभिषेक पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से करवाई गई. कपाट खुलने की प्रक्रिया सोमवार प्रात तीन बजे से शुरू हो गई थी. मुख्य द्वार पर पूजा अर्चना, मंत्रोचार के पश्चात ठीक पांच बजे भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए गए.

HIGHLIGHTS

  • बद्रीनाथ धाम मंदिर के खुले कपाट
  • कोविड प्रोटोकॉल का रखा गया ख्याल
  • PM मोदी के नाम से होगी पहली पूजा
Kedarnath Dham Badrinath Dham badrinath Badrinath Temple बद्रीनाथ बद्रीनाथ धाम
Advertisment
Advertisment