Magh Budh Pradosh Vrat 2024: भारत मान्यताओं, रीति रिवाजों और धार्मिक अनुष्ठानों का देश है. भारतवारी अपनी धार्मिक मान्याताओं के आधार पर अपने आराध्य की पूजा अर्चना करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं. इस क्रम में कुछ लोग व्रत रखकर भी अपने भगवान को प्रसन्न करते हैं. इन्हीं व्रत में से एक है माघ बुद्ध प्रदोष व्रत (Magh Budh Pradosh Vrat 2024). शिवपुराण के अनुसार, हर महीने त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शंकर अपनी प्रसन्न मुद्रा में नृत्य करते हैं. माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने वालों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है. यह महीने में दो बार, त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. प्रदोष व्रत का समय सूर्यास्त से पहले तीन घंटे और सूर्यास्त के बाद तीन घंटे होता है.
प्रदोष व्रत में क्या करें:
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- घर में पूजा स्थान को साफ करें और भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें.
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल) से भगवान शिव का अभिषेक करें.
- भगवान शिव को बेलपत्र, फूल, चंदन, धूप और दीप अर्पित करें.
- शिव चालीसा, ॐ नमः शिवाय मंत्र या शिव पंचाक्षर मंत्र का जाप करें.
- प्रदोष काल में भगवान शिव की आरती करें.
- व्रत के दौरान फलाहार या सात्विक भोजन करें.
- दान-पुण्य करें और गरीबों को भोजन कराएं.
प्रदोष व्रत में क्या न करें:
- मांस, मदिरा, तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन न करें.
- लहसुन, प्याज और मसालेदार भोजन न करें.
- क्रोध, झूठ बोलना और बुराई करना न करें.
- किसी से झगड़ा या विवाद न करें.
- ब्रह्मचर्य का पालन करें.
- सूर्यास्त के बाद भोजन न करें.
प्रदोष व्रत के लाभ:
- भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है.
- पापों से मुक्ति मिलती है.
- मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
- सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त होती है.
- स्वास्थ्य में सुधार होता है.
यहां कुछ अतिरिक्त टिप्पणियां दी गई हैं:
- प्रदोष व्रत रखने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना उचित है, खासकर यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है.
- यदि आप व्रत नहीं रख सकते हैं, तो आप भगवान शिव की पूजा और आरती कर सकते हैं.
- प्रदोष व्रत का फल प्राप्त करने के लिए पूरे मन से और श्रद्धा के साथ व्रत रखना महत्वपूर्ण है.
Source : News Nation Bureau