Premanand Ji Maharaj: भारत में जादू-टोना, तंत्र-मंत्र और काला जादू का चलन सदियों से चलता आ रहा है. इसे लेकर लोग अलग-अलग मत रखते हैं . कई लोगों का मानना है कि जादू-टोना किसी व्यक्ति के जीवन को प्रभावित कर सकता है. लेकिन कुछ लोग इसे केवल अंधविश्वास मानते हैं. आमतौर पर जादू-टोने को तंत्र क्रिया से जोड़ा जाता है. ऐसा माना जाता है कि तंत्र क्रिया में तामसिक पूजा के माध्यम से इसे सीखा जाता है. तंत्र शास्त्र के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति के जीवन में लगातार नकारात्मकता, मानसिक तनाव या भय बना रहता है, तो माना जाता है कि उस इंसान पर काला जादू किया गया है.
जादू-टोने पर क्या कहते हैं प्रेमानंद महाराज?
जादू-टोने को लेकर कई कथावाचकों ने भी अपने मत रखें हैं. इन्हें में से एक वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक प्रेमानंद महाराज जी (Premanand Ji Maharaj) हैं. महाराज जी ने हाल ही में जादू-टोने के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. उनका मानना है कि जब किसी व्यक्ति के जीवन में समस्याएं आती हैं, तो उसकी बुद्धि उसे धोखा देने लगती है. उसे ऐसा लगता है कि कोई उस पर जादू-टोना कर रहा है और अगर कोई व्यक्ति इस बात का सपोर्ट कर दे, तो समस्याएं और बढ़ जाती हैं. प्रेमानंद महाराज ने कहा कि इस तरह का विश्वास व्यक्ति की मानसिकता को प्रभावित कर सकता है, जिससे वह और भी ज्यादा चिंतित हो जाता है.
जादू-टोने से डरने की बजाय अपने कर्मों पर दें
प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा कि अगर आपके कर्म खराब हैं, तो समस्याएं जीवन में आती ही रहेंगी. उन्होंने कहा कि मसान (श्मशान) जैसी जगहों पर भी भूत-प्रेत नहीं होते हैं. लोगों का जादू-टोना या तंत्र-मंत्र में विश्वास केवल अंधविश्वास है. उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति सच्चे मन से भगवान का नाम जपे और उनकी शरण में जाए तो सब ठीक हो जाता है और व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है. प्रेमानंद महाराज का यह भी कहना है कि जादू-टोने से डरने की बजाय हमें अपने कर्मों पर ध्यान देना चाहिए. अगर हमारा कर्म सही होगा, तो जीवन में किसी भी तरह की नकारात्मकता या भय का कोई स्थान नहीं होगा.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)