Premanand Ji Maharaj Tips: प्रेमानंद महाराज एक प्रसिद्ध संत हैं, जिनके प्रवचन सोशल मीडिया पर खूब पसंद किए जाते हैं. आए दिन महाराज जी के वीडियो वायरल होते रहते हैं. प्रेमानंद महाराज जी का आश्रम, श्री राधा केलि कुंज, वृन्दावन में स्थित है. यहां अपने प्रवचन के दौरान वह हिंदू धर्म से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताते हैं. अपने प्रवचन में प्रेमानंद महाराज ने पतियों के लिए पांच आदतों का जिक्र किया है, जिनसे उन्हें बचना चाहिए, ताकि उनका वैवाहिक जीवन सुखी और समृद्ध हो सके. अगर एक पति अपनी इन आदतों को नहीं छोड़ता है तो उसे जीवन पर पछताना पड़ सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं प्रेमानंद महाराज द्वारा बताई गई पतियों की उन 5 आदतों के बारे जिन्हें उन्हें तुरंत छोड़ देनी चाहिए.
पत्नी को बोझ समझना
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, जो पति अपनी पत्नी को बोझ समझते हैं, उनके घर में कभी भी सुख-शांति का वास नहीं हो सकता. पत्नी को एक जीवनसाथी और परिवार की महत्वपूर्ण सदस्य मानकर उसका सम्मान करना जरूरी है. जब पति अपनी पत्नी को बोझ समझते हैं, तो यह भावनात्मक दूरी और असंतोष का कारण बनता है, जिससे परिवार में कलह और अशांति का माहौल बन जाता है.
बच्चों में भेदभाव करना
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि माता-पिता को अपने बच्चों में कभी भेदभाव नहीं करना चाहिए, चाहे वह बेटी हो या बेटा. जिस घर में बेटी के जन्म पर मातम मनाया जाता है, उस घर में कभी भी खुशहाली नहीं रहती है. बच्चों के प्रति समान प्रेम और देखभाल जरूरी है, क्योंकि भेदभाव से परिवार में तनाव पैदा होता है. महाराज के अनुसार, देवी-देवताओं भी ऐसे लोगों से नाराज रहते हैं जो अपने बच्चों में भेदभाव करते हैं.
पत्नी का अपमान करना
पति-पत्नी का रिश्ता बहुत नाजुक होता है, और इसे सम्मान की बुनियाद पर टिकाना जरूरी है. प्रेमानंद महाराज का कहना है कि जो पति अपनी पत्नी का अपमान करते हैं, उन्हें न केवल पाप लगता है, बल्कि उनकी जिंदगी में एक के बाद एक परेशानियां आती रहती हैं. अपमान से रिश्ते में दरार पड़ जाती है और पारिवारिक जीवन में खुशहाली खत्म हो जाती है. इसलिए, पति को अपनी पत्नी का सम्मान करना चाहिए और उसे समान अधिकार देना चाहिए.
पत्नी को खर्च के लिए पैसे न देना
हर पति को अपनी पत्नी की जरूरतों का ख्याल रखना चाहिए. जो पति ऐसा नहीं करता है तो और पत्नी को पैसे नहीं देता है, उन्हें जीवन भर कंगाली का सामना करना पड़ता है.
बच्चों में भेदभाव करना
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि माता-पिता को अपने बच्चों में कभी भेदभाव नहीं करना चाहिए, चाहे वह बेटी हो या बेटा. जिस घर में बेटी के जन्म पर मातम मनाया जाता है, उस घर में कभी भी खुशहाली नहीं रहती है. बच्चों के प्रति समान प्रेम और देखभाल जरूरी है, क्योंकि भेदभाव से परिवार में तनाव पैदा होता है. महाराज के अनुसार, देवी-देवता भी ऐसे लोगों से नाराज रहते हैं जो अपने बच्चों में भेदभाव करते हैं.
मारपीट करना
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, पत्नी के साथ मारपीट करने वाले लोगों के जीवन में हमेशा परेशानियों का सामना करना पड़ता है. औरत को देवी का रूप माना जाता है और ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में देवी का सम्मान नहीं होता वहां कभी भी मां लक्ष्मी का आगमन नहीं होता.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)