बदरीनाथ और केदारनाथ सहित मंदिरों के लिए बने उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहित अड़े हुए हैं. अपनी इस मांग को लेकर पुजारी केदारनाथ मंदिर के बाहर धरने पर बैठे हैं. पिछले तीन दिनों से तीर्थ पुरोहित धरना दे रहे हैं. तीर्थ पुरोहितों ने शुक्रवार को काली पट्टी बांधकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया था, जो आज भी जारी है. पुरोहितों की मांग है कि चार धाम देव स्थानम बोर्ड को भंग कर दिया जाए. तीर्थ पुरोहितों ने उनकी मांगें न माने जाने पर प्रदर्शन को और तेज करने की चेतावनी दी है.
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ये पुजारी कोविड प्रोटोकॉल के हिसाब से धरने बैठे हैं. सुबह निश्चित समय पर प्रदर्शन शुरू करते हैं और दिन ढलने से पहले यहां से चले जाते हैं. विरोध प्रदर्शन कर रहे तीर्थ पुरोहितों ने प्रदर्शन को और तेज करने की चेतावनी दी है. पुरोहितों ने 15 जून को गंगोत्री मंदिर परिसर और शीतकालीन पूजा स्थल मुखवा में सांकेतिक उपवास के अलावा 21 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है.
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क्या था मामला?
दरअसल, कई मुद्दों को लेकर चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड से तीर्थ पुरोहित नाराज हैं. मई में देवस्थानम बोर्ड के सदस्यों ने तीर्थ पुरोहितों को गर्भगृह में प्रवेश करने से रोका था. बाद में विवाद बढ़ा था तो कुछ देर मंदिर भी बंद करना पड़ा था. देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अलावा तीर्थ पुरोहितों को सरकार से भी शिकायत है. पुरोहितों का कहना है कि राज्य सरकार चारधाम यात्रा और मंदिरों पर कब्जा की कोशिश में है, जिसका हम विरोध करते हैं. पुरोहितों का कहना है कि हमें बिना विश्वास में लेकर सरकार ने पहले बोर्ड का गठन किया. अब उसे और अधिकार दिए जा रहे हैं, जो उचित नहीं हैं.