Who is Achyutananda Das: भारत के अच्युतानंद दास को नास्त्रेदमस से भी बड़ा भविष्यवक्ता माना जाता है. संत अच्युतानंद दास महाराज जी भारतीय संत और संत कवि थे, जो 16वीं शताब्दी में उड़ीसा (वर्तमान ओडिशा) में हुए थे. उन्हें "महापुरुष अच्युतानंद" के नाम से भी जाना जाता है. वे ओडिशा के पंचसखा (पांच सखा) में से एक थे, जो उड़ीसा के वैष्णव धर्म के प्रमुख संत माने जाते हैं. पंचसखा में अन्य चार संत बलराम दास, जगन्नाथ दास, अनंत दास, और यशोवंत दास शामिल हैं. उन्होने भारत के भविष्य को लेकर आज तक जो भी भविष्यवाणी की वो सटीक साबित हुई. साल 2024 के लिए उन्होने जो भविष्यवाणियां की है उसे पढ़ने के बाद ये कहना गलत नहीं होगा कि इस साल भारत का नक्शा ही बदल जाएगा.
संत अच्युतानंद दास महाराज ने तप और योग शक्ति के बल भविष्य मालिका पुराण की रचना की. तार के पत्तों पर लिखी गई भविष्यवाणी आज भी जगन्नाथ पुरी में सुरक्षित है और इसी किताब के हवाले से भारत के संदर्भ में कई भविष्यवाणियां की जाती हैं.
संत अच्युतानंद दास महाराज की भविष्यवाणी
कहा जाता है कि धरती तीन चरणों से गुजरेगी, सबसे पहले काल का अंत होगा, फिर महाविनाश होगा और उसके बाद एक नए युग का आरंभ होगा. कहते हैं कि जैसे क्षणिमीन राष्ट्र में प्रवेश करेंगे, भारत पर संकट के बादल मंडराने लगेंगे. किसान खेती करना छोड़ देगा. जंगली जानवर अचानक से शहर और गांव पर अपना हमला शुरू कर देंगे. आसमान में ऐसा प्रतीत होगा कि दो सूर्य निकले हैं और जगन्नाथ मंदिर की बाइसवीं सीढ़ी तक पानी आ जाएगा. उस वक्त भगवान के विग्रह को उनके भक्त छटिया भत्ता ले जाएंगे.
एक ओर प्राकृतिक आपदाएं होंगी तो दूसरी ओर महायुद्ध होंगे और इंसानी नरसंहार ऐसा होगा कि विश्व की जो जनसंख्या है वह 84,00,00,000 रह जाएगी. वही लोग बचेंगे जो सत्य और धर्म के मार्ग पर चलेंगे. भविष्यवाणी पुराण के हवाले से ये सब कहा जाता है. वैज्ञानिक खुद इस बात को मानते हैं कि एक ना 1 दिन इस पृथ्वी से जीवन खत्म होना निश्चित है. इसलिए दूसरे ग्रहों पर जीवन की तलाश जारी है. अब ये भविष्यवाणियां भी अन्य भविष्यवाणियों की तरह कितनी सटीक होती है ये समय के साथ साबित हो जाएगा.
संत अच्युतानंद दास ने सामाजिक सुधारों में भी योगदान दिया. उन्होंने समाज में व्याप्त अंधविश्वासों और कुरीतियों का विरोध किया और सामाजिक सद्भावना का संदेश दिया. उन्होने भारतीय धार्मिक और साहित्यिक परंपरा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. उनके कार्य और शिक्षाएँ आज भी लाखों भक्तों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं. उनकी भक्ति, ज्ञान और कर्म की शिक्षाएँ आज भी प्रासंगिक हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की शक्ति रखती हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source :News Nation Bureau