Radha Ashtami 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी मनाई जाती है. इस दिन को राधा रानी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष, राधा अष्टमी 11 सितंबर 2024 को है. इस दिन विशेष पूजा और व्रत करने से भक्त राधा रानी से सुख, समृद्धि और अन्य मनोकामनाओं की प्राप्ति की कामना करते हैं. इसके अलावा इस बार की राधा अष्टमी बेहद खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन कुछ शुभ योग भी बन रहे हैं जो पूजा को और भी फलदायी बना सकते हैं.
राधा अष्टमी 2024
हिंदू पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि की शुरुआत 10 सितंबर को रात 11 बजकर 10 मिनट पर होगी और यह 11 सितंबर को दिन 11 बजकर 45 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि के अनुसार, राधा अष्टमी का व्रत 11 सितंबर को ही रखना शुभ माना जा रहा है. आइए जानते हैं इस दिन बनने वाले शुभ योग के बारे में.
शुभ योग
इस बार राधा अष्टमी के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं. पहला प्रीति योग, यह योग सुबह 11 बजकर 56 मिनट तक रहेगा. उसके बाद दूसरा रवि योग, यह योग सुबह 9 बजकर 22 मिनट से शुरू होकर अगले दिन तक रहेगा. इसके अलावा सुबह के समय मूल नक्षत्र भी रहेगा, जो पूजा के लिए विशेष महत्व रखता है.
पूजा की थाली में ये वस्तुएं करें शामिल
राधा अष्टमी की पूजा के दौरान थाली में कुछ विशेष वस्तुएं शामिल करनी चाहिए. इन वस्तुओं को पूजा में शामिल करने से राधा रानी की कृपा प्राप्त होती है. पूजा की थाली में इन चीजों को शामिल करने से घर में सुख-शांति आती है. फूल, इत्र, चंदन, नए वस्त्र, फल, मिष्ठान, सुगंधित फूलों की माला, आभूषण, सिंदूर
धूप और दीप, अक्षत (सेंधा चावल)
भोग
भोग के रूप में मालपुए और रबड़ी भी थाली में रखें. मान्यता है कि इन वस्तुओं को थाली में शामिल करने से राधा रानी प्रसन्न होती हैं और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसके साथ ही, राधा जी की पूजा से भगवान कृष्ण भी प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है, जिससे जीवन की परेशानियां समाप्त होती हैं. इसलिए, राधा अष्टमी के दिन इन सभी विशेष वस्तुओं के साथ विधिवत पूजा करना आपके जीवन में सुख और समृद्धि लाने में सहायक हो सकता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)