Rahu Dosh Remedy: ज्योतष शास्त्र में राहु को पापी ग्रह के नाम से जाना जाता है. इसे मायावी ग्रह, रहस्य ग्रह के नाम से भी जानते हैं. राहु अगर किसी जातक की कुंडली में होता है, तो उसके जीवन में कई तरह की समस्याएं खड़ी कर देता है. राहु के दुष्प्रभावों के चलते व्यक्ति बुरी संगत का शिकार हो जाता है. ड्रग्स और शराब आदि के लत में पड़ जाता है. लेकिन अगर इसे समय रहते जांच लिया जाए, तो इसे दूर भी किया जा सकता है. जीवन में अचानक घटने वाली घटनाओं का कारण भी राहु ग्रह होता है. राहु व्यक्ति को दोनों तरह के फल देता है. अगर ये शुभ स्थिति में होता है, तो व्यक्ति को जीवन में खूब सफलता मिलती है. वहीं, अशुभ स्थिति व्यक्ति के जीवन में खलबली मचा कर रख देती है. आइए जानते हैं राहु के दुष्प्रभावों को दूर करने के उपायों के बारे में.
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राहु शुभ स्थिति में बदल देता है व्यक्ति के दिन
राहु ग्रह एक प्रभावी ग्रह है. राहु को लेकर ऐसा भी कहा जाता है कि अगर ये किसी जातक की कुंडली में शुभ स्थिति में होता है, तो ये उसे रंक से राजा बना देता है. वहीं, अशुभ होने पर एक ही झटके में राजा से रंक पर आ जाता है. अगर ये अशुभ होता है, तो ये व्यक्ति को नशे की लत देता है. इसलिए राहु को शांत रखना बेहद आवश्यक है.
व्यक्ति सही गलता का भेद नहीं कर पाता
कुंडली में राहु खराब स्थान पर होने पर व्यक्ति की संगत बिगाड़ देता है. व्यक्ति की दोस्ती ऐसे लोगों से बढ़ने लग जाती हैं, जिन्हें समाज में सम्मान की नजर से नहीं देखा जाता.वहीं कई बार ये अपराधियों से भी दोस्ती की भूल कर बैठते हैं. राहु को भ्रम का कारक भी माना गया है. व्यक्ति सही और गलत में मतभेद नहीं कर पाता. समय पर इसके उपाय न किए जाए, जीवन में कई तरह की परेशानियां खड़ी करने में भी देर नहीं लगाता. व्यक्ति धन के साथ-साथ मान-सम्मान भी खोता जाता है. राहु के कारण व्यक्ति की सेहत और दापंत्य जीवन पर भी प्रभाव पड़ता है.
राहु दुष्प्रभावों के उपाय
अगर किसी जातक की कुंडली में राहु अशुभ परिणाम दे रहा है, तो उसे भगवान शिव की उपासना करनी चाहिए.
शरीर में पानी की कमी न होने दें. इस बात का भी खास ख्याल रखें.
इस दौरान पशु-पक्षियों की खूब सेवा करें. उन्हें दाना डालें और पानी दें.
राहु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए गंदगी से दूरी बनाए रखें. साथ ही स्वच्छता का भी ध्यान रखें.
राहु मंत्र - ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः का जाप करें.
इस दौरान रसोई में भोजन करें और जल में कुश डालकर प्रतिदिन स्नान करने से अवश्य लाभ होगा.