भाई-बहन के खूबसूरत और स्नेह से भरे रिश्ते को रक्षाबंधन और मजबूत करती है. इस बार प्यार के इस बंधन को 22 अगस्त यानी रविवार को मनाया जाएगा. भाई-बहन के लिए बना ये त्योहार हर साल श्रावणी पूर्णिया के दिन मनाया जाता है. रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती हैं और उसके लंबी उम्र और स्वस्थ्य रहने की कामना करती हैं. वहीं भाई बहन का साथ जीवन भर निभाना का वादा करता है. बहन की रक्षा का वचन देता है. हिंदू धार्मिक मान्यताओं अनुसार सबसे पहले देवी लक्ष्मी ने राजा बली को राखी बांधकर अपना भाई बना लिया था. कहा जाता है कि मेवाड़ को सुल्तान बहादुर शाह से बचाने के लिए चितौड़गढ़ की रानी कर्णावती ने हुमायूं को राखी भेजी थी. तब हुमायूं ने भी उन्हें बहन का दर्जा देकर उनकी जान बचाई थी.
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
राखी बांधने का समय – सुबह 06:15 से शाम 05:31 बजे तक
राखी बांधने का सबसे शुभ मुहूर्त – दोपहर 01:42 से शाम 04:18 बजे तक
राखी वाले दिन भद्रा अंत का समय – 06:15 बजे
रक्षाबंधन पूजा विधि
राखी वाले दिन सबसे पहले सुबह स्नान कर पवित्र हो जाएं फिर देवताओं को प्रणाम करें. उसके बाद अपने कुल के देवी-देवताओं की पूजा करें.
फिर एक थाली लें. इसमें राखी, अक्षत और रोली रखें. दीपक भी रखे.
सबसे पहले राखी की थाल को पूजा स्थान पर रखें और पहली अपने पसंद के देवता को बांधे.
राखी बांधने की विधि
पूजा करने के बाद भाई को राखी बांधने की प्रक्रिया शुरू करें.
सबसे पहले भाई को पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बिठाएं.
भाई का सिर रुमाल या फिर कोई कपड़ा से ढका हो.
बहन सबसे पहले भाई का टीका करे. अक्षत, रोली और दही के साथ टीका लगाएं.
कुछ अक्षत भाई के ऊपर आशीर्वाद के रूप में छींटें।
फिर दीपक जलाकर भाई की आरती उतारें.
फिर भाई की कलाई पर 'ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल' मंत्र के साथ राखी बांधे. अगर मंत्र नहीं आता तो भाई की खुशहाली की कामना करते हुए राखी बांधे.
अब भाई-बहन एक दूसरे का मुंह मीठा करें.
अगर भाई बड़ा हो तो बहन आशीर्वाद ले. अगर बहन बड़ी हो तो भाई आशीर्वाद ले.
अंत में भाई बहन को कुछ न कुछ उपहार देते हैं. ताकि उनके प्रति अपने स्नेह का परिचय दे सकें.
Source : News Nation Bureau