Advertisment

Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर में विराजमान हुए रामलला, यहां पढ़ें प्रभु श्री राम, माता सीता और हनुमान जी की आरती

Ram Mandir: प्रभु राम की पूजा करने के साथ ही आपको इनकी आरती जरूर करनी चाहिए. इससे संपूर्ण कष्टों का नाश होता है इसके साथ ही राम जी की कृपा से जीवन में आने वाली सभी विघ्न बाधाओं का अंत होता है.

Advertisment
author-image
Sushma Pandey
एडिट
New Update
Ram Mandir

Ram Mandir( Photo Credit : social media)

Advertisment

Ram Mandir: 22 जनवरी 2024 का दिन भला कौन भूल सकता है. दरअसल 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के राममंदिर में गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है. आज पूरे देश में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के भक्तों की धूम है. ऐसे में प्रभु राम की पूजा करने के साथ ही आपको इनकी आरती जरूर करनी चाहिए. इससे संपूर्ण कष्टों का नाश होता है इसके साथ ही राम जी की कृपा से जीवन में आने वाली सभी विघ्न बाधाओं का अंत होता है. आइए यहां पढ़िए भगवान श्री राम, भगवान हनुमान और माता सीता की पूरी आरती. 

Advertisment

भगवान श्री राम की आरती (Ram Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi)

श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्।

नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।। 

कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।

पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।

Advertisment

भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।

रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।

सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।

आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।

इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।

मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।

Advertisment

मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।

करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।

एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।

तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।

जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।

मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।

Advertisment

हनुमान जी की आरती (Hanuman Ji Aarti)

आरती कीजै हनुमान लला की ।

दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

जाके बल से गिरवर काँपे ।

रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥

Advertisment

अंजनि पुत्र महा बलदाई ।

संतन के प्रभु सदा सहाई ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ॥

दे वीरा रघुनाथ पठाए ।

लंका जारि सिया सुधि लाये ॥

लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।

जात पवनसुत बार न लाई ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ॥

लंका जारि असुर संहारे ।

सियाराम जी के काज सँवारे ॥

लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।

लाये संजिवन प्राण उबारे ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ॥

पैठि पताल तोरि जमकारे ।

अहिरावण की भुजा उखारे ॥

बाईं भुजा असुर दल मारे ।

दाहिने भुजा संतजन तारे ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ॥

सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।

जय जय जय हनुमान उचारें ॥

कंचन थार कपूर लौ छाई ।

आरती करत अंजना माई ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ॥

जो हनुमानजी की आरती गावे ।

बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥

लंक विध्वंस किये रघुराई ।

तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ।

दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

माता सीता की आरती (Sita Mata Ji Ki Aarti)

आरति श्रीजनक-दुलारी की। सीताजी रघुबर-प्यारी की।।

जगत-जननि जगकी विस्तारिणि, नित्य सत्य साकेत विहारिणि।

परम दयामयि दीनोद्धारिणि, मैया भक्तन-हितकारी की।।

आरति श्रीजनक-दुलारी की।

सतीशिरोमणि पति-हित-कारिणि, पति-सेवा-हित-वन-वन-चारिणि।

पति-हित पति-वियोग-स्वीकारिणि, त्याग-धर्म-मूरति-धारी की।।

आरति श्रीजनक-दुलारी की।।

विमल-कीर्ति सब लोकन छाई, नाम लेत पावन मति आई।

सुमिरत कटत कष्ट दुखदायी, शरणागत-जन-भय-हारी की।।

आरती श्री जनक-दुलारी की। सीता जी रघुबर-प्यारी की।

Source : News Nation Bureau

Religion News in Hindi Religion ram-mandir ram-mandir-ayodhya Ram Mandir Pran Pratishta Ayodhya Ram Mandir Religion News
Advertisment
Advertisment