Ram Mandir: सूर्य की किरणों का धार्मिक महत्व हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. सूर्य एक पवित्र देवता है, जिसकी किरणें प्रकृति, आत्मा, और जीवन के अनगिनत पहलुओं को शुद्ध करती हैं. सूर्य को जीवन का प्रदाता माना जाता है. सूर्य की किरणें जीवन को उज्ज्वलता, ऊर्जा, और ताजगी प्रदान करती हैं. इसलिए, सूर्य को जीवन का प्रतीक माना जाता है और उसकी किरणों का स्वागत किया जाता है. सूर्य को आत्मा का प्रतीक माना जाता है. आत्मा की तरह, सूर्य भी अनन्त, अज्ञेय, और निरंतर है. सूर्य की किरणों से जीवन को शक्ति मिलती है, जो आत्मा को जागरूक और सकारात्मक बनाती है. हिन्दू पौराणिक ग्रंथों में सूर्य को देवता रवि और सूर्यपुत्र कहा गया है. उनकी किरणों को अनुष्ठान, तपस्या, और आत्मा के उत्थान के स्वरूप में माना गया है. सूर्य को साकार और निराकार ब्रह्म का प्रतीक माना जाता है. सूर्य सभी दिशाओं में व्याप्त होता है, इसलिए उसे ब्रह्म का प्रतीक माना जाता है जो सर्वव्यापी है. सूर्य की किरणें धार्मिकता, आत्मा, और जीवन के उच्चतम पहलुओं के साथ जुड़ी हुई हैं और इसलिए हिन्दू धर्म में इनका अत्यधिक महत्व है. इनकी पूजा और समर्थन से व्यक्ति आत्मा के साथ आत्मिक उन्नति की दिशा में बढ़ सकता है. भगवान की मूर्ति पर सूर्य की पहली किरण के आने का महत्व हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण है. इसे "सुप्रभात" कहा जाता है और इसका महत्व विभिन्न धार्मिक शास्त्रों में उजागर होता है.
शुभ आरंभ: सूर्य की पहली किरण का आगमन दिन की शुभ शुरुआत का संकेत होता है. भगवान की मूर्ति को सूर्य की प्रकाशमयी किरणों में देखना धर्मिकता और शुभता का प्रतीक होता है.
प्रात:काल की साधना: सुप्रभात का पाठ करना और भगवान की मूर्ति को सूर्य की पहली किरणों में देखना सबह का समय पूजनीय माना जाता है. यह एक उच्च आध्यात्मिक और साधना पूर्ण क्रिया है.
उत्तम संकेत: सूर्य की पहली किरण अपने प्रकाश से अंधकार को हरा देती है, जिससे भगवान की मूर्ति प्रकाशमय होती है। यह हमें उत्तमता, ज्ञान, और भक्ति की ओर प्रेरित करता है.
नवदुर्गा के साथ संबंध: सुप्रभात का पाठ अक्सर देवी दुर्गा की पूजा के साथ जोड़ा जाता है। यह कहा जाता है कि जब सूर्य की पहली किरण आती है, तो देवी दुर्गा अपने भक्तों पर कृपा करती हैं.
धरोहर और संस्कृति का संरक्षण: सूर्य की पहली किरण द्वारा भगवान की मूर्ति को प्रकट करना धार्मिक संस्कृति के रूप, रंग, और चित्र का संरक्षण करता है.
इस प्रकार, सूर्य की पहली किरण का आगमन भगवान की मूर्ति पर प्राकृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और इसे एक धार्मिक और आध्यात्मिक प्रथा के रूप में माना जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)