आज देशभर में पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. अयोध्या समेत पूरे देशभर में राम लला का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. सनातन धर्म में राम नवमी का खास महत्व है. इस पावन दिन मंदिर और हिंदू घरों में रामायण का विशेष पाठ किया जाता है. राम जन्मोत्सव के दिन राम कथा सुनना काफी शुभ माना जाता है. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, भगवान श्री राम का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी की तिथि पर हुआ था. यह हिंदुओं के वैष्णव पंथ को मानने वाले लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण त्योहार होता है. हिंदुओं में विष्णु को भगवान का सातवां अवतार माना जाता है.
इस दिन कई स्थानों में राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की झाकियां या पालकी निकाली जाती है. इसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं. हालांकि पिछले साल की तरह इस बार भी कोरोना संकट के कारण राम नवमी सादगी से मनाई जाएगी. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण अयोध्या समेत अन्य राम मंदिरों में कोई बड़ा आयोजन नहीं किया जा रहा है.
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राम नवमी पूजा का शुभ मुहूर्त
- नवमी तिथि आरंभ: 21 अप्रैल, रात्रि 00:43 बजे से
- नवमी तिथि समापन: 22 अप्रैल, रात्रि 00:35 बजे तक
- पूजा का मुहूर्त: प्रात: 11 बजकर 02 मिनट से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट तक
- पूजा की कुल अवधि: 02 घंटे 36 मिनट
- रामनवमी मध्याह्न का समय: दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर
ऐसे करें सियापति रामचंद्र की पूजा
सबसे पहले रामनवमी के दिन प्रात:काल स्नान कर के साफ-सुथरे कपड़े पहन लें. इसके बाद मंदिर को साफ कर के भगवान राम की मूर्ति स्थापित करें. अगर मुमकिन हो ते राम, सिया , लक्ष्मण के साथ हनुमान जी की मूर्ति भी रखें. इसके बाद हाथ में अक्षत लेकर व्रत संकल्प लें. अब राम जी की पूजा शुरू करें. राम जी की अराधना के लिए 5 तरह के फूल, कमल पुष्प, गंगाजल, रोली, धूप, चंदन, तुलसी और मिठाई रखें. ये सब अर्पित करने के बाद रामचरितमानस का पाठ करें. इसके बाद राम आरती के साथ पूजा का समापन करें.
राम नवमी के दिन करें ये काम
वहीं नारद पुराण के अनुसार राम नवमी के दिन सभी भक्तों को उपवास करने का सुझाव दिया गया है. भगवान राम की पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए. उसके बाद उन्हें गाय, जमीन, कपड़े और दक्षिणा देकर दोनों हाथ जोड़कर विदा करना चाहिए. जिसके बाद ही राम की पूजा खत्म होती है. लेकिन इस बार कोरोनावायरस के कारण ये सब करने से बचे और इसकी जगह आप जरूरतमंद लोगों को भोजन कराने वाले संस्थानों की पैसों या खाद्य पदार्थ देकर मदद करें. भगवान राम का भी परम धर्म अपनी प्रजा की सेवा करना ही था तो उनकी कृपा पाने के लिए आप कोरोना लॉकडाउन में फंसे लोगों की जरूरत सामाग्री देकर मदद कर के पा सकते हैं.