Ram Navami 2023 : चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी का महाउत्सव मनाने का विशेष विधि-विधान है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु के अवतार प्रभु श्री राम का जन्म हुआ था. इस बार राम नवमी पर कई अद्भुत संयोग भी बन रहे हैं. जैसे कि हंस राज योग, पंच पुरुष योग, बुधादित्या योग और भंग राज योग. इस दिन जो व्यक्ति भगवान श्री राम की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. आपको बता दें, इस बार रामनवमी पर बृहस्पति, सूरिय और बुध एक साथ मीन राशि में हैं. अब बुध और बृहस्पति के मीन राशि में होने से भंग राज योग का निर्माण हो रहा है. तो दूसरी तरफ गुरु हंस राज योग बन रहा है. वहीं सूर्य और बुध की युति से बुधादित्या योग का निर्माण हो रहा है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में ग्रहों के महासंयोग से पूजा करने का शुभ समय बताएंगे, साथ ही इस दिन स्नान और दान का क्या महत्व है.
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इस समय पूजा करना माना जाता है बेहद शुभकारी
ग्रहों के महासंयोग के साथ-साथ भगवान श्री राम की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी होती है. नवमी के दिन कर्क लग्न में भगवान श्री राम का जन्म हुआ. अब दिनांक 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 24 मिनट पर कर्क लग्न लगेगा. इसके बाद का समय पूजा के लिए बहुत शुभकारी है. इस समय पूजा करने से भगवान राम के आशीर्वाद की भी प्राप्ति होती है.
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स्नान-दान करना होता है शुभ फलदायी
इस दिन जो व्यक्ति पवित्र नदी में स्नान और दान करता है साथ ही असहाय लोगों की मदद करता है, उसके जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती है. ग्रहों के महासंयोग से व्यक्ति का जीवन खुशहाल रहता है. यह समय किसानों और व्यापारियों के लिए बहुत अच्छा है.