Ramadan 2019: रमजान का पवित्र महीना शुरू हो चुका है. यह महीना मुसलमान के लिए हर तरह से बहुत महत्वपूर्ण रखता है. बता दें कि ये इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना होता है. इस्लामिक धर्म गुरुओं के मुताबिक रमजान के महीने में जन्नत यानी स्वर्ग के दरवाजें खुल जाते हैं.
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रोजा छोड़ने को माना जाता है गुनाह
इस्लामिक धर्म गुरुओं का मानना है कि इस्लाम धर्म में रोजा छोड़ने को गुनाह-ए-कबीरा माना जाता है. गुनाह-ए-कबीरा का मतलब होता है वह पाप जिसकी कोई माफी नहीं होती है. इस्लामिक किताबों के मुताबिक अल्लाह अपने बंदों से फरमाते हैं कि रोजा सिर्फ मेरे लिए है और रोजे का इनाम मैं खुद अपने बंदों को दूंगा. गौरतलब है कि इस्लाम में 7 वर्ष की उम्र के बाद से हर एक इंसान के लिए रोजा रखना जरूरी है. 7 साल की उम्र से छोटे बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाओं, बीमार और सफर करने वाले को रोजा रखने की छूट दी गई है.
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रोजा आखिर किन चीजों से टूटता है और किन चीजों से नहीं
ज्यादातर लोगों के मुताबिक रोजा रखने का मतलब सिर्फ भूखा प्यासा रहना ही होता है, जबकि ऐसा नहीं है. रोजे का मतलब सिर्फ खाने पीने की चीजों से दूरी बनाना नहीं है, बल्कि रोजा रखने के बाद इंसान को हर उस काम से दूर रहना पड़ता है, जिसकी इस्लाम धर्म में मनाही है. खाने पीने की चीजों से दूरी बनाने के साथ-साथ आंख, नाक, कान, मुंह सभी चीजों का रोजा होता है. रोजे के दौरान अगर कोई इंसान अनजाने में कुछ खा लेता है, तो इसकी वजह से रोजा नहीं टूटता है.
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इस्लामिक धर्म गुरुओं के मुताबिक रोजा रखने के बाद टूथपेस्ट नहीं करना चाहिए, क्योंकि टूथपेस्ट करने से रोजा टूट जाता है. रोजे के दौरान नहाने से भी रोजा नहीं टूटता है. रोजा रखकर सिर में तेल और आंखों में सुरमा दोनों ही लगाएं जा सकते हैं. कोई शख्स जानकर गले में नमी लाने के लिए अपना थूक निगलता है तो इससे रोजा टूट जाता है. रोजे के दौरान नाक, कान और आंख में दवाई डालने के लिए भी मना किया जाता है. सिगरेट पीने, पान चबाने, तंबाकू खाने से भी रोजा टूट जाता है. रोजे के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से भी रोजा टूट जाता है.
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HIGHLIGHTS
- 7 वर्ष की उम्र के बाद से हर एक इंसान के लिए रोजा रखना जरूरी
- छोटे बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाओं, बीमार, सफर करने वाले को रोजा रखने की छूट
- रोजे के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से रोजा टूट जाता है
Source : News Nation Bureau