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Ramadan 2020: माहे रमजान की शुरुआत, पहला रोजा आज

रोजे के दौरान सिर्फ भूखे-प्यासे रहने का ही नियम नहीं है, बल्कि आंख, कान और जीभ का भी रोज़ा रखा जाता है यानि न बुरा देखें, न बुरा सुनें और न ही बुरा कहें. इसके साथ ही इस बात का भी ध्‍यान रखें कि आपके द्वारा बोली गई बातों से किसी की भावनाएं आहत न हों.

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Vineeta Mandal
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Ramadan 2020( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

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कोरोना लॉकडाउन के बीच आज यानि कि शनिवार से पाक महीना रमजान की शुरुआत हो गई है. शिया चांद कमेटी ने चांद दिखने की पुष्टि की है। ईदगाह लखनऊ के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने ऐलान किया कि आज 24 अप्रैल 2020 को रमज़ानुल मुबारक का चांद हो गया है. पहला रोजा शनिवार से रखा जाएगा.

रमजान के पूरे एक महीने तक मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) के लोग रोजे रखते हैं. इस दौरान कुरान पढ़ते हैं. हर दिन की नमाज के अलावा रमजान में रात के वक्त एक विशेष नमाज भी पढ़ी जाती है, जिसे तरावीह कहते हैं.

ये भी पढ़ें: Ramadan 2020: जानें रोजे रखने के नियम और महत्व, अल्लाह होते हैं मेहरबान, मिलता है ये लाभ

रोजे के दौरान सिर्फ भूखे-प्यासे रहने का ही नियम नहीं है, बल्कि आंख, कान और जीभ का भी रोज़ा रखा जाता है यानि न बुरा देखें, न बुरा सुनें और न ही बुरा कहें. इसके साथ ही इस बात का भी ध्‍यान रखें कि आपके द्वारा बोली गई बातों से किसी की भावनाएं आहत न हों.

रोजे का है खास महत्व

इस्लाम में बताया गया है कि रोजे रखने से अल्लाह खुश होते हैं. सभी दुआएं कुबूल होते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस महीने की गई इबादत का फल बाकी महीनों के मुकाबले 70 गुना अधिक मिलता है. चांद के दिखने के बाद से ही मुस्लिम समुदाय के लोग सुबह के समय सहरी खाकर इबादतों का सिलसिला शुरू कर देते हैं. इसी दिन पहला रोजा रखा जाता है. सूरज निकलने से पहले खाए गए खाने को सहरी कहा जाता है. सूरज ढलने के बाद रोजा खोलने को इफ्तार कहा जाता है.

रमजान में सोशल डिस्टेंसिंग का हो पालन

वहीं बता दें कि दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने ऐलान किया है कि इस रमजान के दौरान कोई भी सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन नहीं करेगा. कोरोना वायरस को हराने के लिए हम सबको एक जुट होकर सरकार के लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा. उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि, इस बार रमजान में मैं सभी मुसलमान भाइयों से अपील करूंगा कि वो नमाज अदा करने के लिए अपने पड़ोसियों को अपने घर पर न बुलाएं.

Source : News Nation Bureau

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