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Ramayana Interesting Facts: रामायण काल की इन निशानियों का रहस्य आज भी है अबूझ, जानें श्री राम से जुड़े ये रोचक तथ्य

Ramayana Interesting Facts: रामायण को हिन्दू धार्मिकता का प्राचीन स्तंभ माना जाता है. रामायण देखी जाए, पढ़ी जाए या सुनी जाए हर रूप में फलदायी और पुण्यकर मानी जाती है.

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Gaveshna Sharma
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रामायण काल की इन निशानियों का रहस्य आज भी है अबूझ

रामायण काल की इन निशानियों का रहस्य आज भी है अबूझ( Photo Credit : Social Media)

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Ramayana Interesting Facts: रामायण को हिन्दू धार्मिकता का प्राचीन स्तंभ माना जाता है. रामायण देखी जाए, पढ़ी जाए या सुनी जाए हर रूप में फलदायी और पुण्यकर मानी जाती है. यहां तक कि घर में रामायण की पुस्तक रखना भी अत्यंत लाभकारी और शुभ माना जाता है. ऐसे में आज हम आपको रामायण काल से जुड़ी उन निशानियों के बारे में और श्री राम से जुड़े ऐसे रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आज भी अबूझ हैं. 

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अयोध्या नगरी
श्रीराम का जन्म सरयू नदी किनारे स्थित अयोध्या नगरी में हुआ था. वे राजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र थे। यह स्थान आज भी रामजन्मभूमि के नाम से विख्यात है. फिलहाल जन्मभूमि पर राम का भव्य मंदिर बन रहा है. रामनवमी के मौके पर लाखों की संख्या में भक्त रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या में आते हैं. 

रामसेतु
तमिलनाडु के रामेश्वरम से श्रीलंका के उत्तरी-पश्चिमी भाग में स्थित मन्नार द्वीप के बीच समंदर में सड़कनुमा भूभाग बना हुआ है. इसे रामसेतु कहा जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार जब रावण सीता का हरण करके लंका ले गया, तब राम अपनी वानर सेना के साथ लंका के लिए निकले। रामेश्वरम तट से लंका के बीच समुद्र होने से राम की सेना के लिए पैदल मार्ग बनाया गया. इसे ही रामसेतु के नाम से जाना जाता है. लंका पर चढ़ाई करने से पहले श्रीराम ने रामेश्वरम में शिव की आराधना की थी, यहां श्रीराम द्वारा स्थापित शिवलिंग भी मौजूद है.

जनकपुरी
श्रीराम की पत्नी माता सीता का जन्म जनकपुरी में हुआ था. सीता राजा जनक की बेटी थी. राम और सीता का विवाह जनकपुरी में ही हुआ था. सीता के स्वयंवर के दौरान राम ने यहीं पर धनुष तोड़ा था. वर्तमान में जनकपुर नेपाल में स्थित है, जो कि भारतीय सीमा के महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां शहर के पास उत्तर धनुषा नाम का एक स्थान है, यहां पर पत्थर के टुकड़े धनुष के अवशेष के रूप में मौजूद हैं. यहीं पर राम-सीता का विवाह मंडप भी बना हुआ है. जहां देश-दुनिया से लोग दर्शन करने पहुंचते हैं.

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किशकिंदा
रामायण काल में किशकिंदा को वानर राज बाली और सुग्रीव की राजधानी बताया गया है. वर्तमान में कर्नाटक में हंपी के आसपास की जगह किशकिंदा मानी जाती है. तुंगभद्रा नदी के किनारे बाली और सुग्रीव की गुफा भी अभी मौजूद है. यहीं पर अंजनाद्री पर्वत स्थित है, कहा जाता है कि यहीं पर हनुमान का जन्म हुआ था. यहां से कुछ ही दूरी पर पंपा सरोवर भी स्थित है. वनगमन के दौरान श्रीराम और लक्ष्मण यहां ठहरे थे. पंपा सरोवर के पास ही शबरी की गुफा भी मौजूद है.

इनके अलावा रामायण काल की कई निशानियां अलग-अलग जगहों पर आज भी मिलती हैं. वनगमन के दौरान श्रीराम को केवट ने गंगा पार कराई थी, ये स्थान वर्तमान में प्रयागराज के पास शृंगवेरपुर में माना जाता है. कहा जाता है कि भगवान राम ने वनवास के दौरान सबसे ज्यादा समय चित्रकूट में बिताया था. यहीं पर भरत श्रीराम से मिलने आए थे. अभी ये जगह यूपी और एमपी की सीमा पर स्थित है. 

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