Rambha Teej 2022: रंभा तृतीया का व्रत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन रखा जाता है. इस साल 2022 में 2 जून को रंभा तीज पड़ रही है. इस दिन विधि-विधान से अप्सरा रंभा का पूजन किया जाता है. धार्मिक दृष्टि से इस दिन व्रत रखने पर जातक के जीवन में प्रेम, सौंदर्य और सौभाग्य में वृद्धि होती है. ऐसा माना जाता है कि ये व्रत खासतौर से सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष फलदायी माना जाता है. धार्मिक ग्रथों के अनुसार अप्सरा रंभा की उत्पत्ति देवों और असुरों द्वारा सुमद्र मंथन में हुई थी. ऐसी मान्यता है कि इस दिन अप्सर रंभा के विभिन्न नामों का पूजन करने से व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है. ज्योतिष के अनुसार अप्सरा रंभा के किन नामों का जाप किया जाता है.
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यूं करें रंभा पूजन
1. रंभा तीज के दिन सुबह स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठ जाएं और सूर्य देव की तरफ एक दीपक जलाएं.
2. इस दिन सुहागिन महिलाएं मां लक्ष्मी और मां सती की विधि-विधान के साथ पूजा करती हैं. इस दिन सौभाग्य और सुंदरता की प्रतीक अप्सरा रंभा की पूजा करती हैं.
3. इसलिए कई जगह पर चूड़ियों के जोड़ों को रंभा के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है.
4. इतना ही नहीं, इस दिन रंभोत्कीलन यंत्र की भी पूजा की जाती है.
5. अप्सरा रंभा को चंदन, फूल, फल आदि अर्पित किया जाता है और मां समक्ष दीपक जलाएं.
6. हाथ में गुलाबी रंग से रंगे अक्षत लेकर यंत्र पर इन मंत्रों का जाप करें.
- ॐ दिव्यायै नमः।
- ॐ वागीश्चरायै नमः।
- ॐ सौंदर्या प्रियायै नमः।
- ॐ योवन प्रियायै नमः।
- ॐ सौभाग्दायै नमः।
- ॐ आरोग्यप्रदायै नमः।
- ॐ प्राणप्रियायै नमः।
- ॐ उर्जश्चलायै नमः।
- ॐ देवाप्रियायै नमः।
- ॐ ऐश्वर्याप्रदायै नमः।
- ॐ धनदायै धनदा रम्भायै नमः।