प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम अब चुनार के गुलाबी पत्थरों से सजने लगा है. तराशे गए करीब 65 हजार क्यूबिक फीट गुलाबी पत्थरों की पहली खेप पहुंचने के बाद काम अब पूरा होने की ओर है. पत्थरों की दूसरी खेप भी आने लगी है. काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण कार्य भी तेज हो गया है. मंदिर के पदक्षिणा पथ तैयार हो रहा है तो दूसरी तरफ मां गंगा और काशी विश्वनाथ मंदिर की दूरी खत्म हो गयी है.
काशी विश्वनाथ मंदिर के चौक का काम प्रगति की ओर है. गुलाबी पत्थरों की आभा अब दर्शनार्थियों को भी नजर आने लगी है. नक्काशीदार पत्थरों की खूबसूरती उभरकर सामने आ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम की मणिमाला के मंदिरों का ऐतिहासिक दस्तावेज जल्द ही देश और दुनिया के सामने होगा. श्री काशी विश्वनाथ धाम में मिले प्राचीन मंदिरों के ऐतिहासिक दस्तावेजों को तैयार करने के लिए एएसआई भोपाल की टेंपल सर्वे की तीन सदस्यीय टीम ने काम शुरू कर दिया है.
श्री काशी विश्वनाथ धाम के किनारे खड़ी की गईं टिन की ऊंची दीवारों के अंदर भारी सुरक्षा के बीच कारीगर, इंजीनियर और मजदूर 5.3 लाख वर्गफुट में धाम को आकार देने में लगे हैं. परिसर से लेकर गंगा घाट तक 24 इमारतें बनाई जाएंगी. इसमें से 19 इमारतों पर काम चल रहा है. इसमें मंदिर परिसर, मंदिर चौक, जलपान केंद्र, गेस्ट हाउस, यात्री सुविधा केंद्र, म्यूजियम, आध्यात्मिक पुस्तक केंद्र, मुमुक्षु भवन अस्पताल का निर्माण शुरू हो चुका है.
मंदिर चौक का हिस्सा सी शेप में निर्मित किया जाएगा. यहां से सीधे मां गंगा के दर्शन किए जा सकेंगे. मंदिर के पदक्षिणा मार्ग को चुनार और उड़ीसा के बालेश्वर से आये गुलाबी पत्थरों के द्वारा पूरा किया जा रहा है. काशी विश्वनाथ धाम को चुनार का बलुआ पत्थर, मकराना का मार्बल, उड़ीसा के बालेश्वर का गुलाबी पत्थर, कोटा स्टोन के साथ तीन तरह के ग्रेनाइट पथर का उपयोग फ्लोरिंग और सीढ़ियों पर हो रहा है.
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और मां गंगा की दूरी भी खत्म हो गई है. मां गंगा से काशी विश्वनाथ मंदिर तक सड़क बनकर तैयार है. काशी विश्वनाथ धाम में 650 मजदूर दो शिफ्टों में लगातार काम कर रहे हैं. 345.27 करोड़ रुपये की लागत से काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण हो रहा है. अगस्त 2021 तक प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा.
Source : Sushant Mukherjee