Ratneshwar Mahadev Temple Mystery: महादेव की नगरी में 400 सालों से टेढ़ा है ये मंदिर, महीनों तक रहता है पानी के अंदर

रत्नेश्वर महादेव मंदिर (Ratneshwar Mahadev Temple) श्रद्धालुओं के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है. महाश्मशान (Ratneshwar Mahadev Temple mystery) के पास बसा करीब तीन सौ बरस पुराना यह दुर्लभ मंदिर आज भी लोगों के लिए आश्चर्य ही है.

author-image
Megha Jain
एडिट
New Update
Ratneshwar Mahadev Temple Varanasi

Ratneshwar Mahadev Temple Varanasi( Photo Credit : social media)

Advertisment

भारत में ऐसे सैकड़ों मंदिर हैं. जिनका इतिहास सदियों पुराना है. ऐसा ही एक मंदिर वाराणसी में भी है. सभी मंदिरों के बीच प्राचीन रत्नेश्वर महादेव मंदिर (Ratneshwar Mahadev Temple) श्रद्धालुओं के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है. इस मंदिर की खासियत ये है कि ये लगभग 400 सालों से 9 डिग्री के एंगल पर झुका हुआ है. सावन के महीने में भी रत्नेश्वर महादेव मंदिर में ना तो बोल बम के नारे गूंजते हैं और ना ही घंटा घड़ियाल की आवाज सुनाई देती है. महाश्मशान (Ratneshwar Mahadev Temple mystery) के पास बसा करीब तीन सौ बरस पुराना यह दुर्लभ मंदिर आज भी लोगों के लिए आश्चर्य ही है. ये मणिकर्णिका घाट (Ratneshwar Mahadev Temple varanasi) के नीचे बना है. घाट के नीचे होने के कारण ये मंदिर साल में 8 महीने गंगाजल से आधा डूबा हुआ रहता है.  

यह भी पढ़े : Chanakya Niti About Husband Wife Relation: पति को पत्नी से इन बातों को रखना चाहिए छिपाकर, झेलनी पड़ती है परेशानी और कामकाज पर पड़ता है गहरा असर

रत्नेश्वर महादेव मंदिर का रहस्य
इस मंदिर के अजीबो-गरीब रहस्य हैं. पहले इस मंदिर के छज्जे की ऊंचाई जमीन से जहां 7 से 8 फ़ीट हुआ करती थी. वहीं अब केवल 6 फीट रह गई है. वैसे तो ये मंदिर सैकड़ों सालों से 9 डिग्री पर झुका हुआ है पर समय के साथ इसका झुकाव बढ़ता जा रहा है, जिसका पता वैज्ञानिक भी नहीं लगा पाएं. वैसे तो ये मंदिर लगभग तीन सौ साल से एक तरफ झुका हुआ है. जिसकी वजह से लोग इस मंदिर की तुलना पीसा की मीनार से भी करते हैं. इस मंदिर (Ratneshwar Mahadev Temple rahasya) के बारे में एक ओर दिलचस्प बात है कि यह मंदिर छह महीने तक पानी में डूबा रहता है. बाढ़ के दिनों में 40 फीट से ऊंचे इस मंदिर के शिखर तक पानी पहुंच जाता है. बाढ़ के बाद मंदिर के अंदर सिल्ट जमा हो जाता है. मंदिर टेढ़ा होने के बावजूद ये आज भी कैसे खड़ा है, इसका रहस्य कोई नहीं जानता है. 

यह भी पढ़े : Vastu Tips For Radha Krishna Photo Direction: घर की इस दिशा में लगाएं राधा-कृष्ण की तस्वीर, बढ़ेगा प्यार और जाग उठेगी सोई तकदीर

मंदिर का निर्माण 
भारतीय पुरातत्व विभाग के मुताबिक, इस मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में हुआ था. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सन 1857 में अमेठी के राज परिवार ने करवाया था.

मंदिर की बनावट है अद्भुत  
इस मंदिर में अद्भुत शिल्प कारीगरी की गई है. कलात्मक रूप से ये बेहद आलीशान है. इस मंदिर को लेकर कई तरह कि दंत कथाएं प्रचलित हैं.

यह भी पढ़े : Vastu Tips For Tulsi Plant: घर के हिसाब से इस दिन लगाएं ये तुलसी के पौधे, माने जाते हैं शुभ

मंदिर को लेकर प्रचलित हैं कथाएं 
इस मंदिर को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित है. कहा जाता है कि जिस समय रानी अहिल्या बाई होलकर शहर में मंदिर और कुण्डों आदि का निर्माण करा रही थीं. उसी समय रानी की दासी रत्ना बाई ने भी मणिकर्णिका कुण्ड के समीप एक शिव मंदिर का निर्माण कराने की इच्छा जताई. जिसके लिए उसने अहिल्या बाई से रुपये भी उधार लिए और इसे निर्मित कराया. पर जब मंदिर के नामकरण का समय आया तो रत्नाबाई इसे अपना नाम देना चाहती थी, लेकिन अहिल्याबाई इसके विरुद्ध थीं. इसके बावजूद भी रानी के विरुद्ध जाकर रत्नाबाई ने मंदिर का नाम 'रत्नेश्वर महादेव' रख दिया. इस पर अहिल्या बाई नाराज हो गईं और श्राप दिया कि इस मंदिर में कोई भी दर्शन पूजन नहीं कर सकेगा. जिसके बाद मंदिर टेढ़ा हो गया.

वहीं दूसरी कथा के मुताबिक, एक संत ने बनारस के राजा से इस मंदिर की देखरेख करने की ज़िम्मेदारी मांगी. मगर राजा ने संत को देखरेख की ज़िम्मेदारी देने से मना कर दिया. राजा की इस बात से संत क्रोधित हो गए और श्राप दिया कि ये मंदिर कभी भी पूजा के लायक (ratneshwar shiva temple varanasi katha) नहीं रहेगा.

Ratneshwar Mahadev Temple Ratneshwar Mahadev Temple mystery मणिकर्णिका घाट रत्नेश्वर महादेव मंदिर Ratneshwar Mahadev Temple Varanasi Ratneshwar lord shiva Temple महादेव वाराणसी मंदिर ratneshwar varanasi temple shiva ratneshwar temple no worship
Advertisment
Advertisment
Advertisment