Hanuman Chalisa: हनुमान जी के भक्त उनकी चमत्कारी शक्तियों के बारे में अच्छे से जानते हैं. लेकिन, कुछ लोग ये कहते हैं कि वो सालों से हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं या उन्हे कई महीने हो गए हैं लेकिन बाबा उनकी सुनते ही नहीं. अगर आप किसी मनोकामना सिद्धि के लिए हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं तो आप इसकी सही पूजा विधि जान लें. अगर आप हनुमान जी को प्रसन्न कर पाए तो आपकी मनोकामना इन्ही 11 दिनों में पूरी हो सकती है.
इस तरह करें हनुमान चालीसा का पाठ
- एक निश्चित समय पर ही हनुमान चालीसा का पाठ करें. सुबह या शाम जो भी समय आपके अनुकूल हो उसे ही प्रतिदिन चुनें. जैसे अगर आप सुबह 7:00 बजे पाठ करते हैं, तो रोज़ाना उसी समय पाठ करें.
- आसन और स्थान का महत्व इस पाठ में विशेष महत्व होता है. एक ही आसन पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए और उस आसन को केवल पूजा के लिए ही उपयोग करें. जिस स्थान पर पाठ कर रहे हैं वह भी हर दिन वही होना चाहिए.
- हनुमान चालीसा का पाठ करते समय आप किस तरह के वस्त्र पहनते हैं इसका प्रभाव भी आपकी पूजा पर पड़ता है. पाठ करते समय लाल रंग के वस्त्र पहनने का प्रयास करें. काले या नीले वस्त्रों से परहेज करें.
- संयम और नियम बेहद जरूरी है. 11 दिनों तक मांस-मदिरा लहसुन-प्याज का सेवन न करें. पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करें.
हनुमान जी की पूजा विधि
लाल कपड़े पर हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करने के बाद आप घी या चमेली के तेल का दीपक जलाएं. इसके बाद, एक कलश में जल, सिक्का, और पान का पत्ता डालें और नारियल पर कलावा बांधकर कलश के ऊपर रखें.
अब आप पाठ करने से पहले हाथ में जल और पुष्प लेकर संकल्प लें. हनुमान जी से प्रार्थना करें कि आपकी मनोकामना शीघ्र पूर्ण हो और फिर प्रतिदिन 11 पाठ करें और 11 दिनों तक यह प्रक्रिया जारी रखें.
हनुमान जी को गुड़ या फल का भोग लगाएं और लाल पुष्प अर्पित करें. पूजा के बाद प्रसाद परिवार के साथ बांटें. 11वें दिन नारियल को जल में विसर्जित करें. कलश के जल को घर में छिड़कें और परिवार के सदस्य ग्रहण करें. सिक्का और लौंग को तिजोरी या पर्स में रखें.
ऐसी मान्यता है कि 11 दिनों में ही आपकी मनोकामना पूर्ण होगी. अगर कुछ समय लगे, तो धैर्य बनाए रखें और विश्वास रखें कि आपकी पूजा का फल अवश्य मिलेगा. हनुमान चालीसा का नियमबद्ध पाठ करने से शीघ्र ही आपकी सभी समस्याएं दूर होंगी और मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)