Karnataka: कर्नाटका से बड़ी खबर सामने आई है. यहां कर्नाटका के कुर्बा समाज के एक संत ने आरोप लगाया की उन्हे मंदिर के गर्भ गृह में जाने नही दिया गया और उनके मंदिर से निकलने के बाद मंदिर को शुद्ध करने के लिए पानी से धोया गया. इस खबर से आसपास के इलाके में हचलच तेज हो गई है. कुर्बा समाज ने इस घटना की निंदा की है. हालांकि पुलिस-प्रशासन की तरफ से इस घटना की न तो अभी पुष्टि की गई है और न ही इस संबंध में कोई बयान जारी किया गया है.
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जानकारी के अनुसार कर्नाटका के कागीनेले कनका मठ के संत ईश्वरानंदपुरी, जो की कुर्बा समाज ( चारवाहा) से तालुक रखते है. एक बड़ा आरोप लगाया है . उन्होंने ने बताया की कुछ दिन पहले वो चित्रदुर्गा के चन्नाकेशव मंदिर गया था लेकिन उन्हें मंदिर के गर्भ गृह में जाने की इजाजत नहीं दी गई और जब वो अपने मठ में वापस गए तो इस मंदिर को शुद्ध करने के लिए साफ किया गया क्योंकि एक कुरबा ने मंदिर में पैर रखा था.
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कुर्बा समाज के संत ने आरोप लगाया कि यहां पास में ही एक जगह है बागुर. उन्होंने पूरा मंदिर पानी से साफ किया क्योंकि मैंने पैर रखा था. यह चन्नाकेश्व मंदिर में हुआ. मुझे नही मालूम था यह मंदिर मुजराई विभाग का है. वरना में वहीं पर धरने पर बैठा होता. जैसे संत कनकदासा ने किया था जब उन्हे उडुपी के मंदिर में दाखिल होने नही दिया गया था. अगर मुझे पता होता की यह मुजराई विभाग का है तो में वहीं कहता कि मुझे घर्ब गृह में जाने दिया जाए. उन्होंने कहा कि जब में वापस अपने मठ गया तो उन्होंने पूरा मंदिर साफ किया. उन्हे सिर्फ इस लिए किया क्योंकि एक कुरबा संत मंदिर में दाखिल हुआ था.
Source : News Nation Bureau