अयोध्या में बनने वाली मस्जिद का गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर ध्वजारोहण के साथ शिलान्यास (Mosque Foundation Laying Ceremony) कर दिया गया. इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (Indo Islamic Cultural Foundation) के सभी 9 सदस्यों ने 9 पौधे लगाकर मस्जिद का शिलान्यास किया. निर्माण कार्य शुरू होने के बारे में कहा जा रहा है कि मिट्टी की जांच की रिपोर्ट आने के बाद शुरू होगा. जहां यह मस्जिद बनाई जा रही है, वह जगह राम जन्मभूमि से करीब 25 किलोमीटर दूर सोहावल तहसील के धनीपुर गांव में स्थित है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, सरकार ने 5 एकड़ की जमीन मस्जिद के लिए दी है, जहां मस्जिद के साथ हॉस्पिटल, कम्युनिटी किचन, कल्चरल हॉल आदि भी बनाए जाएंगे. पिछले दिनों इस मस्जिद का लुक भी जारी किया गया था, जो दिखने में अंडाकार है और इसमें कोई गुंबद नहीं होगा.
धनीपुर में बनाई जा रही मस्जिद में एक साथ 2000 नमाजी नमाज पढ़ सकेंगे. 26 जनवरी को शिलान्यास होने के बाद अब मस्जिद के निर्माण कार्य में तेजी लाई जाएगी. मस्जिद के शिलान्यास से पहले लखनऊ के गुंजन लैब की एक्सपर्ट की टीम सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव पहुंची और 20 फुट जमीन खोदकर मिट्टी निकालनी शुरू की. गुंजन लैब में यह मिट्टी जांच के लिए भेजी जाएगी और यह देखा जाएगा कि इस पर होने वाले निर्माण के भार सहने की क्षमता कितनी है.
गुंजन लैब के सुपरवाइजर देवधर यादव के अनुसार, जमीन के 20 फुट नीचे खोदकर मिट्टी निकालने का काम शुरू किया गया है. जैसे ही 20 फुट नीचे हम पहुंचेंगे उसकी मिट्टी निकाल कर टेस्ट के लिए ले जाया जाएगा.
20 दिसंबर को इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने धन्नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद का डिजाइन जारी किया था. जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के आर्किटेक्ट विभाग के प्रोफेसर एसएम अख्तर ने मस्जिद का डिजाइन तैयार किया है. पांच एकड़ की जमीन पर बनने वाली मस्जिद में कोई गुम्बद नहीं होगा. मस्जिद परिसर में अस्पताल के साथ लाइब्रेरी, म्यूजियम और कम्युनिटी किचन भी बनाया जाएगा. डिजाइन के साथ मस्जिद का नक्शा पास कराने की प्रक्रिया भी चल रही है.
बताया जा रहा है कि अयोध्या में बनने वाली मस्जिद में बाबर या उससे जुड़ा कोई जिक्र नहीं होगा और न ही किसी भाषा या राजा के नाम पर मस्जिद का नाम होगा. सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मस्जिद के निर्माण के लिए छह महीने पहले IICF का गठन किया था. परियोजना के मुख्य वास्तुकार प्रोफेसर एसएम अख्तर ने बताया कि मस्जिद में एक समय में 2,000 लोग नमाज अदा कर सकेंगे और इसका ढांचा गोलाकार होगा.
नई मस्जिद बाबरी मस्जिद से बड़ी होगी, लेकिन उसी तरह का ढांचा नहीं होगा. परिसर के मध्य में अस्पताल होगा. पैगंबर ने 1400 साल पहले जो सीख दी थी उसी भावना के अनुरूप मानवता की सेवा की जाएगी.
Source : News Nation Bureau