Rudrabhishek: कैलाशपति शिव भगवान सबसे भोले भगवान हैं, इसलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है. शास्त्रों में वर्णित है कि शंकर भगवान अपने भक्तों पर सबसे जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हें मनचाहा फल देते हैं. सावन का महीना महादेव का सबसे प्रिय महीना माना जाता है और सभी शिव भक्त इस महीने महादेव को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं. कहा गया है कि अगर आप अपनी जिंदगी की मुश्किलों से छुटकारा पाना चाहते हैं और शिव जी की कृपा पाना चाहते हैं तो आपको रुद्राभिषेक जरूर करना चाहिए. रुद्राभिषेक करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. सावन के महीने में रुद्राभिषेक करने से भरपूर फायदा मिलता है. यूं तो सावन का हर सोमवार रुद्राभिषेक करने के लिए काफी शुभ होता है. लेकिन सावन सोमवार के अलावा भी कुछ ऐसी तिथियां होती हैं, जिन्हें रुद्राभिषेक के लिए लाभकारी माना जाता है. वहीं कुछ तिथियां ऐसी भी हैं जिस दिन आपको रुद्राभिषेक करने से बचना चाहिए.
इन तिथियों पर न करें रुद्राभिषेक
रुद्राभिषेक के लिए साधक को विशेष नियमों का पालन करना पड़ता है. अगर रुद्राभिषेक को पूरी विधि के साथ किया जाए तभी उसका फल मिल पाता है. लेकिन हिंदू धर्म में कुछ ऐसी तिथियां भी होती हैं, जब रुद्राभिषेक करना बिल्कुल निषेध माना जाता है. ऐसी तिथियों पर रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव नाराज हो सकते हैं. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कृष्ण पक्ष की तृतीया, दशमी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी व एकादशी के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक नहीं करना चाहिए. इसके अलावा कृष्ण पक्ष की षष्ठी, त्रयोदशी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी और सप्तमी पर भी भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से बचना चाहिए. मान्यताओं के अनुसार इन तिथियों पर भगवान शिव भोजन करते हैं, ऐसे में इन दिनों रुद्राभिषेक करने से उन्हें पीड़ा होती है.
इन तिथियों पर करें रुद्राभिषेक
रुद्राभिषेक करने से भक्त को काफी लाभ मिलता है. उनके जीवन में मुश्किलें कम होती है और स्वास्थ्य में भी वृद्धि होती है. कृष्णपक्ष की प्रतिपदा, अष्टमी और अमावस्या के साथ-साथ शुक्ल पक्ष की द्वितीया पर रुद्राभिषेक जरूर करना चाहिए. हिंदू धर्म में इन तिथियों को बहुत शुभ माना जाता है. इसके अलावा कृष्णपक्ष की चतुर्थी और एकादशी तथा शुक्लपक्ष की पंचमी और द्वादशी भी रुद्राभिषेक के लिए बहुत शुभ मानी जाती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)