Rudraksha Wearing Rules: रुद्राक्ष का हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान है और इसे भगवान शिव का आशीर्वाद माना जाता है. सावन का महीना शुरू होने वाला है. भोले को भक्त इन दिनों रुद्राक्ष पहनना शुभ मानते हैं. अगर आप भी पहली बार रुद्राक्ष धारण करने वाले हैं या आपको रुद्राक्ष पहनने के बाद भी इसका कोई लाभ समझ में नहीं आया, तो हो सकता है कि आप ये गलतियां कर रहे हों. मार्केट से खरीदा, पूजा की और सोमवार के दिन इसे पहन लिया अगर आप भी यही कर रहे हैं तो ये गलत है. यूं तो रुद्राक्ष पहनने से पहले और पहनने के बाद कई नियम होते हैं जिसका पालन उस जातक को करना चाहिए. लेकिन, ऐसे 3 जरूरी नियम हम आपको अब बताने जा रहे हैं जिनके बिना आपको रुद्राक्ष पहनने से कभी फायदा नहीं मिल सकता.
पहला नियम जब भी आप गले में रुद्राक्ष पहनें तो इसे कभी भी काले धागे में नहीं पहनें, क्योंकि काले रंग को अशुभ रंग माना जाता है. आप हमेशा लाल रंग के धागे में ही रुद्राक्ष पहने. लाल धागा सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है और रुद्राक्ष के साथ मिलकर यह व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा और बुरी दृष्टि से बचाता है.
दूसरा नियम जब भी आप गले में रुद्राक्ष पहने तो इसका हृदय से टॅच होना बहुत ही जरूरी है. एक रिसर्च में वैज्ञानिकों ने पाया कि रुद्राक्ष, माइंड और हृदय के रोग के लिए बहुत ही अच्छा है. प्रोमग्नेटिक पावर है जो हमारे शरीर में मौजूद कई रोगों को दूर भगाता है. ऐसा भी माना जाता है कि इसस भगवान शिव का आशीर्वाद सीधे हृदय तक पहुंचता है. हृदय के पास स्थित अनाहत चक्र (हृदय चक्र) प्रेम, करुणा, और भावनात्मक संतुलन का केंद्र होता है. रुद्राक्ष इस चक्र को सक्रिय और संतुलित करने में मदद करता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में शांति और सकारात्मकता आती है.
तीसरा नियम जब भी आप गले में रुद्राक्ष धारण करें तो सबसे पहले रुद्राक्ष को गंगाजल और पंचामृत से शुद्ध और पवित्र करके शिवलिंग पर रुद्राक्ष को अर्पित करना चाहिए. भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना करनी चाहिए कि हमारे रुद्राक्ष को प्रभु आप अपना आशीर्वाद दें. इसे पहनने के बाद मुझ पर हमेशा आपकी कृपा दृष्टि बनी रहे.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau