सबरीमला के भगवान अयप्पा मंदिर के कपाट शनिवार को पहले दिन खुलने के साथ ही मंदिर ने 3.30 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त किया. इसकी तुलना में पिछले सीजन में मंदिर को 1.28 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था. पिछला सीजन महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे को लेकर श्रद्धालुओं के एक धड़े और दक्षिणपंथी संगठनों के विरोध प्रदर्शन के चलते प्रभावित रहा था.
दो महीने चलने वाली मंडल-मक्कारविलक्कु पूजा के लिए 16 नवंबर को कपाट खुलने के बाद से करीब 70,000 श्रद्धालु पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर में दर्शन कर चुके हैं. त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड के अध्यक्ष एन वासु ने सोमवार को कहा कि पिछले सीजन की तुलना में इस बार राजस्व में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और इस साल की तीर्थयात्रा का मौसम फिलहाल बढ़िया जा रहा है.
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वासु ने मीडिया से कहा, “इस साल श्रद्धालुओं की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. हमें पहले दिन 3.32 करोड़ रुपये का राजस्व मिला जो पिछले साल 1.28 करोड़ रुपये था. इस साल यहां आने वाले श्रद्धआलु उपलब्ध करायी जा रही सुविधाओं से संतुष्ट हैं.” पिछले साल मंदिर परिसर में हिंसक प्रदर्शन हुए थे जब राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत के 28 सितंबर, 2018 के फैसले को लागू करने का निर्णय किया था जिसमें सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी गई थी.
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इस साल श्रद्धालुओं ने प्रशंसा जताई क्योंकि इस बार कोई प्रतिबंध नहीं हैं. साथ ही वासु ने बताया कि करीब 40,000 लोगों के लिए ‘अन्नदानम’ की व्यवस्था भी की गई है. अन्नदानम श्रद्धालुओं के लिए भोजन की व्यवस्था को कहा जाता है.
Source : Bhasha