Sabse Purana Dharm: धर्म का महत्व हर युग में रहा है. यह हमें सही रास्ते पर चलने और अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करता है. दुनिया में कई धर्म हैं और सभी धर्म के अपने अलग-अलग नियम और रीति-रिवाज हैं. लेकिन अगर हम बात करें दुनिया के सबसे पुराने धर्म के बारे में तो शायद ही लोगों को इस बारे में पता होगा. ऐसे में आपको घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि आज हम आपको बताएंगे दुनिया के सबसे पुराने धर्म के बारे में और इसके साथ ही अन्य प्रमुख धर्मों के बारे में भी जानकारी देंगे. तो चलिए शुरू करते हैं.
दुनिया का सबसे पुराना धर्म
आपको बता दें कि 'हिंदू धर्म' दुनिया का सबसे पुराना धर्म है, जिसे 'सनातन धर्म' के नाम से भी जाता है. एक शोध के अनुसार, सनातन हिंदू धर्म की उत्पत्ति लगभग 12,000 से 18,000 वर्ष पहले हुई. इस धर्म की विशेषता यह है कि यह समय के साथ विकसित हुआ है और इसमें जीवन के हर पहलू को शामिल किया गया है. यह धर्म हमें सत्य, अहिंसा और कर्तव्यपालन की शिक्षा देता है.
अन्य प्रमुख धर्मों की जानकारी जानें यहां
1. यहूदी धर्म (Yahudi Religion)
यहूदी धर्म की उत्पत्ति लगभग 4000 वर्ष पहले हुई मानी जाती है. यह धर्म एकेश्वरवाद में विश्वास रखता है और इसमें मूर्ति पूजा नहीं की जाती. यहूदी धर्म से ही इस्लाम और ईसाई धर्म की उत्पत्ति मानी जाती है.
2. ईसाई धर्म (Christianity)
ईसाई धर्म की शुरुआत लगभग 2000 वर्ष पहले हुई थी. इस धर्म के संस्थापक ईसा मसीह थे. ईसाई धर्म दुनिया के सबसे बड़े धर्मों में से एक है.
3. इस्लाम धर्म (Islam)
इस्लाम धर्म की उत्पत्ति 1400 ईस्वी में हुई थी. इसकी स्थापना पैगंबर हज़रत मुहम्मद ने की थी. इस धर्म में एकेश्वरवाद और पैगंबर की शिक्षाओं का पालन किया जाता है.
4. पारसी धर्म (Zoroastrianism)
पारसी धर्म की उत्पत्ति लगभग 1200-1500 ईस्वी पूर्व ईरान में हुई थी. इसकी स्थापना पैगंबर जरथुस्त्र ने की थी. यह धर्म अच्छाई और बुराई के बीच संघर्ष को केंद्र में रखता है.
5. जैन धर्म (Jain Dharm)
जैन धर्म का मुख्य सिद्धांत अहिंसा है. इसमें सख्त अनुशासन का पालन होता है, और इसमें खाने-पीने के नियमों का भी विशेष ध्यान रखा जाता है.
6. बौद्ध धर्म (Buddha Dharma)
बौद्ध धर्म की स्थापना लगभग 2600 वर्ष पहले भगवान बुद्ध ने की थी. यह धर्म आत्मज्ञान और दुखों से मुक्ति की शिक्षा देता है.
7. सिख धर्म (Sikhism)
सिख धर्म की स्थापना लगभग 600 वर्ष पहले श्री गुरु नानक देव जी ने की थी. यह धर्म सेवा, समानता और भाईचारे पर आधारित है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)