सद्गुरु जग्गी वासुदेव, भारतीय ध्यान गुरु और आध्यात्मिक उपदेशक हैं. उन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान और ध्यान के माध्यम से अनेकों को आत्मज्ञान और आत्म-समर्पण का मार्ग प्रदान किया है. वह आध्यात्मिक संदेशों को सरलता से और व्यावहारिकता के साथ व्यक्त करते हैं ताकि लोग उन्हें सरलतम तरीके से समझ सकें. उनका मुख्य उद्देश्य है जीवन को संतुलित और खुशहाल बनाने के लिए आध्यात्मिक साधना और ध्यान का मार्गदर्शन करना. सद्गुरु जग्गी वासुदेव जी के अनुसार, घर में बुजुर्ग होने के कई फायदे होते हैं. बुजुर्गों का सम्मान करना और उनकी सेवा करना हमें अनेक मानवीय और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है. यहां कुछ मुख्य फायदे हैं.
यह भी पढ़ें : Religion in Soviet Union: सोवियत यूनियन में धर्म की बातें करने पर प्रतिबंध क्यों है?, जानें बड़े कारण
अनुभव और ज्ञान की प्राप्ति: बुजुर्ग हमें अपने अनुभवों से शिक्षा देते हैं और हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं की समझ में मदद करते हैं.
प्रेरणा: उनके जीवन की कठिनाइयों और संघर्षों के अनुभव हमें प्रेरित करते हैं और हमें हिम्मत और साहस देते हैं.
सामाजिक समर्थन: बुजुर्ग हमें सामाजिक समर्थन प्रदान करते हैं और हमें उनकी सेवा करने का मौका देते हैं, जिससे हमारा समाज में सामाजिक सहयोग और समर्थन बढ़ता है.
आध्यात्मिक अभ्यास: उनके साथ समय बिताने से हम आध्यात्मिक अभ्यास में सुधार करते हैं और अपने मार्गदर्शन में प्रगति करते हैं.
कर्मकाण्ड: उनके सेवानिवृत्ति से हम कर्मकाण्ड का पुण्य प्राप्त करते हैं और उन्हें संतुष्ट करने में सहायक होते हैं.
परम्परा और संस्कृति की रक्षा: बुजुर्गों के सम्मान से हम अपने परंपरागत संस्कृति की रक्षा करते हैं और उनके साथ नेतृत्व का मूल्य स्वीकार करते हैं.
प्रार्थना और आशीर्वाद: बुजुर्गों के आशीर्वाद से हमें आत्मा की शांति और प्रार्थना की शक्ति मिलती है.
इस प्रकार, घर में बुजुर्ग होने के फायदे हमें आध्यात्मिक, सामाजिक, और मानवीय स्तर पर विकसित करते हैं और हमें समृद्धि और संतुष्टि की अनुभूति कराते हैं.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप visit करें newsnationtv.com/religion पर
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau