Advertisment

क्या आप भी हैं भगवान गणेश के भक्त, इस खास दिन पर पूजा करने से मिलेगा लाभ  

संकष्टी का मतलब कठिनाइयों से मुक्ति होता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश भक्तों की समस्याओं को कम करते हैं और बाधाओं को दूर करते हैं. इस दिन, भक्त सुखी जीवन के लिए आशीर्वाद लेने के लिए भगवान गणेश की पूजा करते हैं.

author-image
Vijay Shankar
New Update
Sankashti Chaturthi 2021

Sankashti Chaturthi 2021 ( Photo Credit : File Photo)

Advertisment

Sankashti Chaturthi 2021 : यदि आप भगवान गणेश के भक्त हैं तो आपको संकष्टी चतुर्थी के बारे में कुछ बातें जरूर जानकरी होनी चाहिए. हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, साल के हर महीने संकष्टी चतुर्थी कृष्ण पक्ष के चौथे दिन मनाई जाती है. इस बार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी 23 नवंबर यानी मंगलवार को पड़ रही है. इस विशेष तिथि को भगवान गणेश की पूजा-अर्चना कर आपको विशेष कृपा मिल सकती है. संकष्टी का मतलब कठिनाइयों से मुक्ति होता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश भक्तों की समस्याओं को कम करते हैं और बाधाओं को दूर करते हैं. इस दिन, भक्त सुखी जीवन के लिए आशीर्वाद लेने के लिए भगवान गणेश की पूजा करते हैं. साथ ही, हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने अपने पुत्र गणेश का नाम सभी देवताओं से श्रेष्ठ रखा था.

यह भी पढ़ें : Surya Upasna: रोज इस विधि से करें सूर्य देव की पूजा-अर्चना, मिलेगी सुख-समृद्धि

जानिए क्या है शुभ मुहूर्त : 

संकष्टी के दिन चन्द्रोदय- रात 08 बजकर 29 मिनट पर
चतुर्थी तिथि प्रारंभ- सोमवार, 22 नवंबर को रात 10 बजकर 27 मिनट
चतुर्थी तिथि समाप्त- मंगलवार, 23 नवंबर को मध्य रात्रि 12 बजकर 55 मिनट

क्या है महत्व

भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए संकष्टी चतुर्थी को सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है. इस दिन भगवान शिव ने अपने पुत्र गणेश को सभी देवताओं में श्रेष्ठ घोषित किया था. कहते हैं कि संकष्टी चतुर्थी के दिन घर में पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है. इतना ही नहीं, पूजा से घर में शांति बनी रहती है. इस दिन पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन चांद के दर्शन करना भी शुभ माना जाता है. बता दें कि सूर्योदय के साथ शुरू होने वाला संकष्टी व्रत चंद्र दर्शन के बाद ही समाप्त होता है. पूरे साल में संकष्टी के 13 व्रत रखे जाते हैं. सभी संकष्टी व्रत की अलग-अलग कथा होती है. संकष्टी का संस्कृत अर्थ संकट या बाधाओं और प्रतिकूल समय से मुक्ति है. 

संकष्टी चतुर्थी पूजन विधि

इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. फिर इसके बाद संकल्प लें. पूजा के लिए भगवान गणेश की मूर्ति को ईशानकोण में चौकी पर स्थापित कर दें. इसके बाद चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं. फिर भगवान के सामने हाथ जोड़कर पूजा और व्रत का संकल्प लें. इसके बाद और फिर उन्हें जल, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान, धूप आदि चढ़ाएं. गणपति बप्पा को मोदक और लड्डू का भोग लगाएं क्योंकि कहा जाता है कि उनको ये सबसे ज्यादा पसंद है. पूरी पूजा विधि का पालन करते हुए गणेश मंत्रों का जाप करें. चांद निकलने के बाद अर्ध्य देकर अपना व्रत तोड़ें.

HIGHLIGHTS

  • चतुर्थी 23 नवंबर यानी मंगलवार को संकष्टी चतुर्थी
  • इस विशेष तिथि पर पूजा-अर्चना से मिलेगी विशेष कृपा
  • संकष्टी चतुर्थी को सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है

Source : News Nation Bureau

आईपीएल-2021 lord ganesha worship hindu Sankashti Chaturthi November संकष्टी चतुर्थी पूजा हिंदू Devotee गणेश नवंबर
Advertisment
Advertisment
Advertisment