सोमवार (22 जनवरी 2018) को पूरे भारत में वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है।
माघ शुक्ल पंचमी के दिन वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा का विधान होता है। इस शुभ दिन के मौके पर सभी शिक्षण संस्थानों में विद्या की देवी सरस्वती की पूजा होती है।
सरस्वती कला की भी देवी मानी जाती है, इसलिए कला क्षेत्र से जुड़े लोग भी माता सरस्वती की विधिवत पूजा करते हैं। इस दिन किताब और कलम की भी पूजा की जाती है।
ऋतुओं का राजा वसंत
वसंत ऋतुओं का राजा माना जाता है। यह पर्व वसंत ऋतु के आगमन का सूचक है। इस अवसर पर प्रकृति के सौंदर्य में अनुपम छटा का दर्शन होता है। वसंत पंचमी का त्योहार हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखता है। यह पूजा पूर्वी भारत में बड़े उल्लास से की जाती है। इस दिन स्त्रियां पीले वस्त्र धारण कर पूजा-अर्चना करती हैं। स्वयं भगवान कृष्ण ने कहा है की ऋतुओं में मैं वसंत हूं।
पीले रंग का महत्व
इस त्योहार पर पीले रंग का बहुत महत्व है, वसंत का रंग पीला होता है जिसे वसंती रंग के नाम से जाना जाता है जोकि समृद्धि, ऊर्जा, प्रकाश और उम्मीद का प्रतीक है। यही कारण है कि लोग इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनते हैं और पीले रंग के व्यंजन बनाते हैं।
बेहद शुभ होता है वसंत पंचमी का दिन
सरस्वती को विद्या बुद्धि की देवी माना जाता है। इसलिए वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। इस दिन कोई नया काम करना शुभ माना जाता है।
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वसंत पंचमी के दिन क्यों की जाती है की मां सरस्वती पूजा
यह त्योहार हर साल माघ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। शास्त्रों एवं पुराणों कथाओं के अनुसार वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा को लेकर एक बहुत ही रोचक कथा है-
ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के प्रारंभ में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्मा ने मनुष्य की रचना की। लेकिन अपने सर्जना से वो संतुष्ट नहीं थे। उदासी से सारा वातावरण मूक सा हो गया था। यह देखकर ब्रह्मा ने अपने कमण्डल से जल छिड़का। उन जलकणों के पड़ते ही पेड़ों से एक शक्ति उत्पन्न हुई, जो दोनों हाथों से वीणा बजा रही थी तथा दो हाथों में पुस्तक और माला धारण की हुई जीवों को वाणी दान की, इसलिये उस देवी को सरस्वती कहा गया।
बुद्धि और ज्ञान की देवी मां सरस्वती
इस दिन विशेष रूप से लोगों को अपने घर में सरस्वती यंत्र स्थापित करना चाहिये, तथा मां सरस्वती के इस विशेष मंत्र का 108 बार जप करना चाहिये। मां सरस्वती का संबंध बुद्धि से है, ज्ञान से है। यदि आपके बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, यदि आपके जीवन में निराशा का भाव है तो वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का पूजन अवश्य करें।
मां सरस्वती की पूजा से होते हैं ये लाभ
मान्यता है कि जिन लोगों में एकाग्रता की कमी हो उन्हें मां सरस्वती की पूजा जरूर करनी चाहिए। ऐसे लोगों को रोजाना एक बार सरस्वती वंदना का पाठ जरूर करना चाहिए। सरस्वती वंदना का पाठ करने से एकाग्रता की कमी की समस्या दूर हो जाती है।
एेसे करें विद्या की देवी की पूजा, इन बातों का रखें ख्याल
1. वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करते वक्त पीले या फिर सफेद कपड़े पहनने चाहिए।
2. काले या लाल वस्त्र नहीं पहनना चाहिए।
3. उत्तर-पूर्व दिशा की तरफ मुहं करके मां की पूजा करें।
4. मां सरस्वती को सफेद, पीले चन्दन और सफेद फूल जरूर चढ़ाएं।
5. पूजा के दौरान प्रसाद में दही, मिश्री, लावा, मीठी खीर और बूंदी के लड्डू या बूंदी अर्पित करनी चाहिए।
6. फल में केला, सेब, बेर, संतरा अर्पित करें।
इस मंत्र का करें जाप
पूजा के दौरान मां सरस्वती के बीज मंत्र 'ॐ ऐं नमः' या 'ॐ सरस्वत्यै नमः' का जाप करें।
इस बार वसंत पंचमी की तिथि 21 जनवरी रविवार को शाम साढ़े तीन बजे से शुरु होगी। इसके बाद पंचमी 22 जनवरी सोमवार को शाम 4.25 बजे तक रहेगी।
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Source : News Nation Bureau