Sarv Pitru Amavasya 2022 Dos: आश्विन महीने की अमावस्या तिथि को सर्वपितृ अमावस्या के रूप में मनाया जाता है. इस दिन सनातन धर्म में विश्वास रखने वाले व्यक्ति अपने पूर्वज जो यह धरती लोक छोड़ चुके हैं, उनके निमित्त उनकी आत्मा की शांति के लिये दान, पुण्य कर्म, तर्पण, भंडारा इत्यादि करते हैं. ताकि वह पूर्वज जिस भी लोक में या जिस भी योनि में हैं, उनको उनके अनुजों द्वारा किये गये दान इत्यादि का पुण्य प्राप्त हो सके व उनकी भी गति हो सके. ऐसे में आइये जानते हैं कि सर्व पितृ अमावस्या के दिन क्या क्या करने से आप पर पितरों की कृपा बरस सकती है और आपको अत्यधिक धन लाभ हो सकता है.
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कोई भी व्यक्ति जिस भी तिथि को धरती लोक से गमन करता है, आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की उसी ही तिथि को पितृ शांति के लिये श्राद्ध कर्म किया जाता है लेकिन किसी कारण हमें वह तिथि याद नहीं रहती या फिर मृत व्यक्तियों की कई पीढ़ियां हो चुकी हैं और उन सभी के श्राद्ध अलग-अलग करना आज के समयानुसार मुश्किल लगता है तो उन सभी का श्राद्ध एक ही तिथि को किया जा सकता है और वह है सर्वपितृ अमावस्या.
25 सितंबर 2022 को सर्वपितृ अमावस्या के दिन प्रातः 8 से 11 बजे के दौरान एक सूखे नारियल में एक सुराख करके उसमें चीनी, चावल, आटा बराबर मात्रा में मिक्स करके भरें तथा पीपल के वृक्ष के पास गढ़ा खोदकर उसमें इस प्रकार दबायें कि ऊपर से सुराख वाला हिस्सा ही नजर आये ताकि कोई बड़ा जानवर उस नारियल को न निकाल पाए.
यह काम करने से बहुत सारे कीड़े-मकौड़े इस भंडारे को ग्रहण करेंगे और पीपल वृक्ष को अर्पण करके ही यह कार्य करें क्योंकि पीपल में सभी देवी देवताओं का वास माना गया है. सभी प्रकार के अर्पण श्री विष्णु जी को ही प्राप्त होते हैं और जिस आत्मा के निमित्त वह कर्म किया जाता है, उस आत्मा तक वह पुण्य पहुंचाना श्री विष्णु जी के ही अधीन होता है इसीलिए ही यह कार्य पीपल वृक्ष के नीचे किया जाए तो बहुगुणा प्रभाव बनाता है.