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Sawan 2022 Ujjain MahaKaleshwar Bhavya Puja: आज सावन के पहले दिन उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में दिखा भव्य नजारा, अलौकिक रूप में शिव जी का हुआ शृंगार और पूजा

Sawan 2022 Ujjain MahaKaleshwar Bhavya Puja: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) में सावन मास के पहले दिन विधि-विधान से भगवान महाकाल के शिवलिंग का अभिषेक किया गया.

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Gaveshna Sharma
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आज सावन के पहले दिन उज्जैन के महाकालेश्वर के हुए अलौकिक दर्शन ( Photo Credit : News Nation)

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Sawan 2022 Ujjain MahaKaleshwar Bhavya Puja: आज से भगवान शिव (Lord Shiva) के अतिप्रिय मास सावन की शुरुआत हो गई है और देशभर के शिव मंदिरों (Shiva Temples) में भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा की जा रही है. सावन की शुरुआत होते ही हर कोई भगवान शिव की भक्ति में सराबोर हो गया है. वहीं मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) में सावन मास के पहले दिन विधि-विधान से भगवान महाकाल के शिवलिंग का अभिषेक किया गया.

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सावन के इस पावन मौके पर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में सावन के पहले सोमवार को भस्म आरती की गई. साथ ही भगवान शिव का ऐसा शृंगार किया गया, जिसने भी उस रूप के दर्शन किए वह देखता ही रह गया. आज भगवान महाकाल की पहली सवारी निकाली जाएगी. मंदिर प्रशासन ने इसकी लाइव प्रसारण की व्यवस्था की है. कोरोना संक्रमण के चलते सवारी में भजन मडल, झांझ डमरूदल आदि को शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है. आइए आपको सावन के पहले सोमवार के दिन महाकाल के अद्भुत दर्शन कराते हैं- 

सावन के पहले सोमवार के दिन महाकाल भगवान की पवित्र स्नान कराया गया और विशेष पूजा-अर्चना की गई. सोमवार के दिन महाकाल भगवान की भस्म आरती की गई. भस्म आरती के वक्त यह नजारा अद्भुत होता है. भस्म आरती के बाद उनकी पूजा की गई और सजाने की प्रकिया शुरू की गई. माथे पर उनके त्रिपुड लगाया गया. सावन में बाबा महाकाल को फूलों से सजाया गया है. पुजारियों ने भगवान को पगड़ी पहनाई. 

बाबा महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में सावन के पहले दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा की भस्म आरती का लाभ लेने महाकाल मंदिर पहुंचे. अलसुबह 3 बजे बाबा के पट खोले गए, इसके बाद बाबा पर जल चढ़ाया गया फिर महाकालेश्वर का दूध, घी, दही , शक्कर, शहद से पंचामृत अभिषेक किया गया. इसके बाद बाबा का श्रृंगार कर भस्म आरती की गई. जो करीब 1 घंटे तक चली. उसके बाद बाबा का मनमोहक विशेष श्रृंगार किया गया. 

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बता दें कि, सामान्य दिनों में रोजाना सुबह 4 बजे बाबा के पट खोले जाते हैं, लेकिन सावन माह में सुबह 3 बजे ही बाबा के पट खोल कर भस्म आरती की तैयारी कर मनमोहक श्रृंगार किया गया है. सभी पुजारियों ने मिलकर बाबा की लगभग 1 घंटे तक आनंदमयी भस्म आरती की और बाबा की इस दुर्लभ भस्म आरती का दर्शन लाभ प्राप्त किया.

सावन मास शिव जी का दिन है और शिव का दिन होने के कारण शिव भक्तों में बड़ा उत्साह है और ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में बड़ा उत्सव होता है. यहां पर भस्म आरती के नाम से जो मंगला आरती होती है उसके कारण श्रद्धालुओं में उत्साह बढ़ जाता है. महाकालेश्वर दक्षिण मुखी है और दक्षिण मुखी होने के कारण 12 ज्योतिर्लिंग में इस ज्योतिर्लिंग का विशेष महत्व है.

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