Sawan 2022 Bhagwan Shiv Favourite Flowers: महादेव का प्रिय महीना शुरू हो चुका है. शिव जी को प्रसन्न करने के लिए भक्त पूरे भक्ति भाव से भोलेनाथ की पूजा करते हैं. इस बार सावन 14 जुलाई 2022 से शुरू हुआ है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान भोलेभंडारी का जलाभिषेक, रुद्राभिषेकर करने का विशेष महत्व है. कहते हैं अगर शिव जी को उनकी प्रिय वस्तु अर्पित की जाएं जो वे हर मनोकामना पूरी करते हैं. मन इच्छा फल पाने के लिए भोलेनाथ की पूजा में उनके पसंदीदा पुष्प चढ़ाने से कई लाभ मिलते हैं. आइए जानते हैं शिव के प्रिय फूल के विभिन्न फायदे.
शिव जी के प्रिय फूल और फायदे (Lord Shiva Favourite Flowers)
मदार
मदार अर्थात नीला या सफेद अकाव. शिव जी का पसंदीदा रंग सफेद है इसलिए उनकी पूजा में सफेद आक के फूल जरुर चढ़ाना चाहिए. इसे, आंकड़ा, अर्क और अकौआ के नाम से भी जाना जाता है. भगवान भोलेनाथ को सावन में ये फूल अर्पित करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
चमेली
भगवान शिव को सावन में चमेली चढ़ाने से घर में सुख-समृद्धि आती है. अभिषेक के समय भोलेनाथ को चमेली का फूल चढ़ाने से वो बेहद प्रसन्न होते हैं. उनकी कृपा से वाहन सुख भी प्राप्त होता है.
बेला
विवाह से संबंधित परेशानियां दूर करने के लिए सावन में बेला फूल को भगवान शिव को अर्पित करें. मान्यता है कि इससे शादी में आ रही रुकावटें खत्म हो जाती है. अच्छा जीवनसाथी पाने के लिए बेला का फूल शिव जी को चढ़ाएं. इससे वैवाहिक जीवन भी सुखी रहता है.
कमल
धन प्राप्ति का वरदान पाने के लिए भोलेनाथ को सावन में कमल का फूल अर्पित करें. महादवे की पूजा में सफेद कमल चढ़ाना उत्तम होता है. आर्थिक संकट दूर होता है. धन लाभ के लिए शिव जी को शंख पुष्पी और बिल्वपत्र भी चढ़ाएं.
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आगस्तय
मान्यता है कि सावन के महीने में भोलेनाथ को आगस्त्य का फूल चढ़ाने से मान-सम्मान की प्राप्ति होती है. यश और कीर्ति में वृद्धि होती है. ग्रंथों के अनुसार अगस्त्य मुनि ने इस फूल के पेड़ के नीचे तपस्या की थी, इसलिए इसका नाम अगस्त्य पड़ा.
कनेर
कनेर का फूल शिव जी के साथ सभी देवी देवताओं को प्रिय है. शिवलिंग पर कनेर का फूल अर्पण करने से वैभव में बढ़ोत्तरी होती है. घर में दरिद्रता नहीं आती.
धतूरे के फूल
संतान खुख के लिए धतूरे के फूल को सावन में विशेषकर शिवलिंग पर अर्पित करें. पौराणिक कथा के अनुसार धतूरे का फूल समुद्र मंथन में शिव जी द्वारा विषपान करने के बाद उनकी छाती से ये फूल प्रकट हुआ था. कहते हैं धतूरा और उसके फूल शिव जी की पूजा में शामिल करने से ईर्ष्या की भावना खत्म हो जाती हैं.