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Sawan 2023: सावन का पहला दिन है बेहद खास, 3 शुभ संयोग में करें शिव-गौरी पूजा

Sawan 2023 : सावन मास दिनांक 4 जुलाई दिन मंगलवार से शुरू होने जा रहा है. वहीं इस साल का सावन बहुत ही खास माना जा रहा है. क्योंकि इस दिन बेहद ही 3 शुभ संयोग बन रहे हैं. जिससे इस भगवान शिव और मां पार्वती की खास कृपा रहने वाली है.

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Aarya Pandey
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Sawan 2023

Sawan 2023( Photo Credit : newsnation )

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Sawan 2023 : सावन मास दिनांक 4 जुलाई दिन मंगलवार से शुरू होने जा रहा है. वहीं इस साल का सावन बहुत ही खास माना जा रहा है. क्योंकि इस दिन बेहद ही 3 शुभ संयोग बन रहे हैं. जिससे इस भगवान शिव और मां पार्वती की खास कृपा रहने वाली है. सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय महीना है. इसमें भगवान शिव और मां गौरी की विशेष पूजा की जाती है और उनके आशीर्वाद से सुहागन महिलाओं को अखंड सौभाग्य, संतान और सुखी दांपत्य जीवन की प्राप्ति होती है. वहीं इस बार सावन मास का समापन दिनांक 31 अगस्त को होने जा रहा है, अधिक मास जुड़ने के कारण सावन 59 दिनों का हो गया है, वहीं इस बार शुभ संयोगों में सावन पड़ रहा है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि सावन का पहला दिन शुभ क्यों माना जा रहा है, सावन माह का महत्व क्या है. 

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सावन माह का पहला दिन है बेहद शुभ 
सावन माह का पहला दिन दिनांक 4 जुलाई दिन मंगलवार को है. उस दिन सावन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है. ये दोपहर 0 बजकर 38 मिनट तक है, उसके बाद द्वितीया तिथि की शुरुआत हो जाएगी. 
सावन के पहले दिन इंद्र योग और पूर्वाषाढा नक्षत्र है. ये सुबह ब्रह्म मुहूर्त से लेकर सुबह 08 बजकर 25 मिनट तक है. उसके बाद उत्तराषाढा नक्षत्र शुरू हो जाएगा. 
वहीं इंद्र योग प्रात:काल से लेकर सुबह 11 बजकर 50 तक है. उसके बाद से वैधृति योग है. जिसमें इंद्र और पूर्वाषाढा नक्षत्र बेहद शुभ माना जाता है.

इस बार 3 बेहद शुभ योग में है सावन का पहला दिन 
1.सावन के पहले दिन मंगला गौरी व्रत है. इस दिन सुहागिन महिलाओं भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करती हैं. मां गौरी को 16 श्रृंगार की सामग्री अर्पित करती हैं. इससे दांपत्य जीवन सुखमय रहता है और पति को लंबी उम्र की प्राप्ति होती है. 

2.  सावन के पहले दिन त्रिपुष्कर योग बन रहा है. इस दिन त्रिपुष्कर योग दोपहर 01:38 मिनट पर हो रहा है और इसका समापन अगले दिन सुबह 05:28 मिनट पर होगा. 
इस योग में पूजा-पाठ करने से तीन गुने फल की प्राप्ति होती है. 

3. तीसरा शुभ संयोग शिववास का है. यह दोपहर 01 बजकर 38 मिनट तक है. शिववास में ही रुद्राभिषेक करते हैं. जो लोग सावन के पहले दिन रुद्राभिषेक कराना चाहते हैं, उनके लिए ये बेहद ही शुभ संयोग है.

जानें क्या है सावन माह का महत्व
भगवान शिव को सावन माह बहुत ही प्रिय है. यह माह भगवान शिव को प्रसन्न करने का है. जो लोग पूरे साल सोमवार का व्रत रखना चाहते हैं, वे इसका शुभारंभ सावन के पहले सोमवार से करें. सावन में भगवान शिव को जल अर्पित करें, इससे वह जल्द प्रसन्न होते हैं. यही कारण है, सावन में कांवड़ यात्रा निकाली जाती है. 

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