Sawan 2024: हमारे जीवन में रंगों का बहुत महत्व है. रंग अपनी गति के अनुसार ऊर्जा को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. ऐसे में उनका प्रभाव सीधा हमारे जीवन पर पड़ता है. आपने सुना भी होगा कि कुछ रंगों को बहुत शुभ माना जाता है जबकि कुछ रंग अशुभ माने जाते हैं. ऐसे में अब सावन का शुभ महीना चल रहा है. सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को अतिप्रिय होता है. कहा जाता है कि इस महीने में की गई शिव की पूजा काफी फलदायी साबित होती है और भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिव पूजा में भी रंगों का बहुत अधिक महत्व होता है? जी हां, कुछ रंगों के वस्त्र शिव पूजा में बिल्कुल शुभ नहीं माने जाते और उन्हें शिव पूजन के दौरान पहनने की भी मनाही होती है. ऐसे में आइए जानते हैं कौन से कलर के कपड़े शिव पूजा में नहीं पहनना चाहिए.
सावन की महिमा
सभी महीनों में से सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को अतिप्रिय है. इस महीने में शिव की आराधना करने से साधक को विशेष फल प्राप्त होता है. सावन की महिमा बहुत अधिक मानी जाती है. माना जाता है कि इसी महीने में शिव की उपासना करने से मां गौरी को शिव की प्राप्ति हुई थी. इसलिए कई कुंवारी लड़कियां सावन में शिव की पूजा कर अच्छे वर की कामना करती हैं. लेकिन शिव की पूजा करते समय आपको विशेष ध्यान भी देना चाहिए.
शिव पूजा में इस रंग के कपड़े न पहनें
भगवान शिव की पूजा करने के कुछ खास नियमों का जिक्र हमारे धार्मिक ग्रंथों में मिलता है. उन्हीं में कपड़ों के बारे में भी जिक्र मिलता है. दरअसल इसमें कुछ ऐसे रंग बताए गए हैं जो कि शिव पूजा के दौरान नहीं पहनने चाहिए.
1. काला रंग
काला रंग अशुभ माना जाता है. किसी भी शुभ कार्य में इस रंग के वस्त्र नहीं पहने जाते. माना जाता है कि इससे दुर्भाग्य आता है. इसलिए भगवान शिव की पूजा करते वक्त भी काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. इससे साधक को फल नहीं प्राप्त होता.
2. भूरा रंग
भूरा रंग भी भगवान शिव को पसंद नहीं होता. इसलिए शिव पूजा करते समय इस रंग के वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए. भले ही आप कितनी भी कठोर पूजा क्यों न करें, लेकिन अगर आप भूरे रंग के वस्त्र पहनें तो वो पूजा निरर्थक होगी.
3. खाकी रंग
खाकी रंग को भी शुभ रंग नहीं माना जाता है. इसलिए भगवान शिव की पूजा के दौरान खाकी रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. इससे दुर्भाग्य आता है और पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)