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Sawan 2024: सावन के दूसरे मंगला गौरी व्रत पर आज ऐसे करें पूजा, मां पार्वती को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का करें जाप

मां पार्वती को प्रसन्न करने के लिए आज महिलाएं सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत रख रही हैं. यह विशेष दिन शिव-गौरी की पूजा-उपासना के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.

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Neha Singh
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Sawan 2024: सावन के पावन माह में हर तरफ भक्ति की बयार बहती नजर आ रही है. हर कोई भगवान शिव की आराधना में लीन है. सावन महीने की शुरुआत 22 जुलाई से हो चुकी है. इस माह में शिव भक्त सावन सोमवार का व्रत रखते हैं. वहीं, मां पार्वती को प्रसन्न करने के लिए सावन में मंगलवार के दिन व्रत रखते हैं. जिसे मंगला गौरी व्रत के नाम से जाना जाता है. सावन में मंगला गौरी व्रत रखने से वैवाहिक जीवन की दिक्कतें दूर होती हैं और दांपत्य जीवन सुखमय रहता है. ऐसा माना जाता है कि जो महिलाएं इस व्रत को रखती हैं, उन्हें अंखड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. आज यानी 30 जुलाई 2024 को सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत है. आइए जानते हैं सावन के दूसरे मंगला गौरी व्रत की पूजाविधि और शुभ मुहूर्त...

शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार सुबह 8:02 एएम से लेकर सुबह 09:36 एएम तक पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त है.  विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 37 मिनट तक रहेगा. यह समय किसी भी शुभ कार्य के लिए अत्यंत उत्तम होता है.

व्रत के दिन ये करें 

सुबह उठकर स्नान करें. व्रत का संकल्प लें. अपने पूजा कक्ष की अच्छी तरह से सफाई करें. महिलाएं लाल रंग के वस्त्र धारण करें. एक चौकी पर मां गौरी की प्रतिमा विराजमान करें. मां गौरी का ध्यान करें और उनका अभिषेक करें. देवी को आभूषणों और वस्त्रों से सजाएं. फिर उनका सोलह शृंगार करें.

सात्विक चीजों का भोग लगाएं

सिंदूर का तिलक लगाएं. देसी घी का दीपक जलाएं. देवी के मंत्रों का जाप करें. मंगला गौरी कथा का पाठ करें या फिर सुनें. खीर, ऋतु फल और घर पर बनी सात्विक चीजों का भोग लगाएं. आरती से अपनी पूजा को पूर्ण करें.

भूलकर किसी का अपमान न करें

पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे और बड़ों का आशीर्वाद लें. अगले दिन प्रसाद से अपने व्रत का पारण करें. फिर सात्विक भोजन करें. इसके अलावा इस दिन भूलकर भी किसी का अपमान न करें.

इस मंत्र का करें जाप 

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्.
सदा बसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि..

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सवार्थ साधिके. शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते..

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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