Sawan Ka Antim Somwar 2024: हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व होता है. यह महीना भगवान शिव को प्रिय होता है. इस दौरान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से जातकों के जीवन में ढरे सारी खुशियां आती हैं. इस बार का सावन शुभ रहा क्योंकि इस महीने इसकी शुरुआत सोमवार के दिन हुई और इसी दिन इसका समापन भी हो रहा है. वहीं, इस बार सावन के अंतिम सोमवार पर खास योग भी बन रहे हैं. इस दिन रक्षाबंधन का त्योहार भी मनाया जाएगा. ऐसे में आइए जानते हैं सावन के अंतिम सोमवार की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और मंत्रों के बारे में.
सावन का अंतिम सोमवार 2024 की डेट और शुभ मुहूर्त
इस बार सावन का अंतिम सोमवार 19 अगस्त 2024 को किया जाएगा. सावन के अंतिम सोमवार पर रक्षाबंधन का त्योहार भी है. वहीं, इस दिन सावन पूर्णिमा 19 अगस्त को रात 03 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 19 अगस्त को रात 11 बजकर 55 मिनट पर होगा.
सावन सोमवार पूजा विधि
सावन के अंतिम सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर देवी-देवताओं का ध्यान करें. उसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें. पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें. अब एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं. अब इस पर शिव जी और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद शिव जी को गुड़, दही, गंगाजल, दूध, घी, शक्कर आदि से रुद्राभिषेक करें.सफेद मिठाई, हलवा, दही और फल भोग लगाएं. अब मां पार्वती का सोलह श्रृंगार करें. देसी घी का दीपक जलाएं, आरती करें और शिव मंत्रों का जाप करें.
सावन के आखिरी सोमवार पर करें इन मंत्रों का जाप
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।
मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय ।
मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय तस्मै मकाराय नम: शिवाय ।।
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम: शिवाय ।।
शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय तस्मै शिकाराय नम: शिवाय ।।
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)