Sawan Purnima 2023: हर साल की तरह इस साल भी सावन का पवित्र त्योहार पर लोग पूरे जोश में भोले का नाम जप रहे हैं. लेकिन इस साल सावन 59 दिनों का है जिसे अधिकमास का सावन भी कहा जाता है. इस साल सावन में 8 सावन के सोमवार पड़ रहे हैं, 9 मंगला गौरी के व्रत, 2 अमावस्या, 2 पूर्णिमा और 4 प्रदोष व्रत हैं. ये तो सब जानते हैं कि सावन की पूर्णमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है लेकिन इस साल ये 2 हैं जिस वजह से लोगों में कंफ्यूज़न बना हुआ है कि रक्षाबंधन किस पूर्णिमा के दिन मनाएं. तो आइए जानते हैं कि सावन के महीने में पूर्णिमा की तिथि कब है और रक्षाबंधन कब मना सकते हैं.
कब है सावन की पूर्णिमा
1 अगस्त 2023 को सावन की पहली पूर्णिमा है. ये अधिकमास में आने वाली पूर्णिमा है जिस वजह से इसे अधिक पूर्णिमा भी कहा जा रहा है. 1 अगस्त को सुबह 03 बजकर 51 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 01 मिनट तक सावन की पहली पूर्णिमा की तिथि रहेगी.
सावन माह की दूसरी पूर्णिमा 30 अगस्त 2023 को है जो सुबह 10 बजकर 58 मिनट से लेकर 31 अगस्त दिन सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगी. लेकिन 30 अगस्त को भद्रा की वजह से लोग कंफ्यूज़ हो रहे हैं कि बहनें भाई को 30 को राखी बांधें या 31 को. वैसे श्रावण पूर्णिमा व्रत 30 अगस्त को होगा और स्नान-दान 31 अगस्त को किया जाएगा.
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सावन की पूर्णिमा की पूजा और व्रत
सावन की पूर्णिमा के दिन विशेष पूजा की जाती है और व्रत भी रखा जाता है. पूर्णिमा की पूजा करने की सही विधि क्या है और इसके लिए आपका किस सामग्री की जरुरत होगी आइए आपको ये भी बताते हैं.
पूर्णिमा पूजा के लिए सामग्री:
शिवलिंग
गंगाजल या पवित्र जल
धूप
दीपक (घी या तेल का)
बेलपत्र
फूल
धातू चढ़ाने के लिए सामग्री (सोने या चांदी का)
पूजन के विशेष सामग्री (चावल, पंचामृत, दूध, दही, घी, शहद)
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सावन पूर्णिमा की पूजा की विधि:
- पूजा स्थल की सफाई करें और शिवलिंग को साफ करें। शिवलिंग को पानी से धोकर साफ करें.
- शिवलिंग पर गंगाजल या पवित्र जल चढ़ाएं.
- धूप दीपक और बेलपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाएं.
- फूल चढ़ाने के बाद, धातू चढ़ाएं और उसे प्रदक्षिणा करें.
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल) का अभिषेक करें.
- अभिषेक के बाद, शिवलिंग को सुन्दर फूलों से सजाएं.
- धूप, दीप, बेलपत्र, फूल और धातु को शिवलिंग के चारों ओर घुमाएं.
- शिव जी के मंत्र (ओम नमः शिवाय) का जाप करें और शिवजी की आराधना करें.
- आरती गाएं और फूल चढ़ाएं.
- पूर्णिमा के दिन अखंड दिया जगाना चाहिए और भगवान शिव की कृपा के लिए प्रार्थना भी करनी चाहिए.
- सावन की पूर्णिमा को उपवास रखने से आपकी हर मनोकामना पूरी होती है.
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सावन पूर्णिमा के उपाय
शिव जी का ध्यान: सावन की पूर्णिमा को भगवान शिव का ध्यान और भक्ति करने से व्यक्ति को धन, सुख, समृद्धि और आनंद की प्राप्ति होती है। शिव जी के मंत्र "ॐ नमः शिवाय" का जाप भी इस दिन विशेष महत्वपूर्ण होता है.
शिवलिंग पूजा: सावन की पूर्णिमा के दिन शिवलिंग की पूजा और अभिषेक करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और समस्याओं का नाश होता है.
व्रत और उपवास: सावन की पूर्णिमा को व्रत और उपवास करने से व्यक्ति के पुण्य बढ़ते हैं और समस्याओं का समाधान होता है.
गंगाजल स्नान: सावन की पूर्णिमा के दिन भगवान शिव की पूजा करने के बाद, गंगाजल से स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और अनेक दोषों का नाश होता है.
दान धर्म: सावन की पूर्णिमा के दिन दान करने, गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करने, और धार्मिक और नैतिक कार्यों में लगन दिखाने से व्यक्ति को धन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है.
प्रातः शिव पूजा: सावन की पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर शिवलिंग की पूजा करने से व्यक्ति को समस्याओं से मुक्ति मिलती है और उसका जीवन उज्जवल होता है.
तो आपके पास बाबा को प्रसन्न करने का एक और सुनहरा मौका है. सावन की पहली पूर्णिमा की तिथि 1 अगस्त को है इस दिन अगर आप सच्चे दिल से भगवान शिव को याद करते हैं. उनकी पूजा करते हैं, व्रत रखते हैं और उपाय करते हैं तो आपके जीवन में आने वाले सभी कष्ट दूर होते हैं. ये सारी जानकारी ज्योतिष के आधार पर है न्यूज़ नेशन इसकी पुष्टि नहीं करता.