Sawan Putrada Ekadashi 2022 Upay: साल में पुत्रदा एकादशी का व्रत 2 बार रखा जाता है- एक पौष में और दूसरा सावन में. इस बार सावन की पुत्रदा एकादशी 8 अगस्त, दिन सोमवार यानी कि कल मनाई जाएगी. माना जाता है कि पुत्रदा एकादशी संतान से जुड़ी हर समस्या की रामबाण काट है. पुत्रदा एकादशी का व्रत कई यज्ञों के बराबर और ख़ास तौर पर वाजपेयी यज्ञ के बराबर पुण्यफल प्रदान करता है. ग्रंथों में वर्णित पंक्तियों के अनुसार, पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से न सिर्फ भगवान विष्णु संतान सुख का अखंड वरदान देते हैं बल्कि संतान से जुड़ी हर परेशानी को नष्ट कर देते हैं. इसके अलावा, माना जाता है कि पुत्रदा एकादशी के दिन किये गए कुछ उपायों से आप सरलता से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त कर सकते हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं पुत्रदा एकादशी व्रत पर किये जानें वाले कुछ अत्यंत बेजोड़ उपायों के बारे में.
सावन पुत्रदा एकादशी 2022 उपाय (Sawan Putrada Ekadashi 2022 Upay)
- तुलसी और बेलपत्र करें अर्पित
पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी और भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करने से न सिर्फ खुद जातक को जीवन में सफलता मिलती है बल्कि उसकी संतान भी सुख समृद्धि से परिपूर्ण रहती है.
- विष्णु सहस्त्रनाम का करें पाठ
हर एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है. ऐसे में पुत्रदा एकादशी के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से जहां एक ओर जीवन में हर काम सरलता से पूर्ण होता चला जाता है. वहीं, दूसरी ओर महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करने से आप पर यमराज की भी कृपा बनी रहती है और अकाल मृत्यु का योग भी टल जाता है.
- पेड़ रुपी देवताओं की करें पूजा
सावन सोमवार और पुत्रदा एकादशी के शुभ संयोग के कारण अगर इस दिन तुलसी, बेलपत्र और आंवलें के पेड़ या पौधे की पूजा की जाए तो भगवान विष्णु और महादेव की एक साथ कृपा प्राप्त होती है.
- जरूर करें दान
पुत्रदा एकादशी के दिन किया गया दान पूर्ण रूप से बच्चों के लिए फलित होता है. ऐसे में अगर आप इस दिन दान करते हैं तो आपके बच्चे का आने वाला समय हमेशा धन धान्य से भरा रहेगा.
- दिव्य मंत्र का करें जाप
माना जाता है कि श्रावण पुत्रदा एकादशी के दिन व्रत रखने, श्रद्धापूर्वक पूजा करने और एकादशी की कथा सुनने से व्यक्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है. ऐसे में अगर इन तीन चीजों के साथ संतान गोपाल मंत्र का जाप भी किया जाए तो होने वाली संतान न सिर्फ तेजस्वी होती है बल्कि उसे कभी कोई रोग नहीं छूता और भाग्य हमेशा चमकता रहता है. और तो और संतान पर छाई कष्टों की छाया भी दूर हो जाती है.