श्रावण हिंदू कैलेंडर का पांचवां महीना है. बड़े धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के साथ श्रावण या सावन को हिंदुओं में सबसे पवित्र महीनों में से एक माना जाता है. यह महीना बाबा भोले का महीना होता है. पूरे सावन भगवान शिव की आराधना करते हैं. सोमवार को शिव की विशेष पूजा अर्चना होती है. आज सावन की आखिरी सोमवारी है. अंतिम सोमवारी होने की वजह से मंदिरों और शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ी है. बाबा भोले के जयकारे से पूरा वातावरण गूंज रहा है. हर घर में बाबा भोले की पूजा अर्चना हो रही है.
सोमवार को लोग व्रत करते हैं. वैसे तो बाबा भोले किसी भी चीज से मान जाते हैं. लेकिन सोमवार को सच्चे मन से बाबा भोले की प्रतिमा पर बेलपत्र चढ़ाने से वो प्रसन्न होते हैं.
सावन में बाबा ने हलाहल से रक्षा की थी लोगों की
कहा जाता है सावन के महीने में देवताओं और राक्षसों द्वारा किए गए समुद्र मंथन के दौरान, रत्नों और अमृत के अलावा, हलाहल (जहर) भी समुद्र से निकला था. हलाहल पृथ्वी पर जीवन को नष्ट कर सकता है, इसलिए ब्रह्मांड को बचाने के लिए भगवान शिव ने पूरा हलाहल पी लिया, और उनकी गर्दन नीली हो गई. इसी के कारण वो नीलकंठ के नाम से विख्यात हुए.
सावन सोमवार 2021 का अनुष्ठान
इस दिन बाबा भोले की आराधना होती है.
भक्त स्नान आदि करके मंदिर जाते हैं या फिर घर में पूजा अर्चना करते हैं.
जल, दूध, दही,गुड़ , शहद से बाबा का अभिषेक किया जाता है.
बेल पत्र चढ़ाए जाते हैं.
शिव मंत्रों का जाप किया जाता है. महामृत्युंजय जप भी किया जाता है.
आज के दिन गायों, मछलियों और पक्षियों को भोजन करना शुभ माना जाता है.
दान कार्य को बहुत शुभ माना जाता है.
Source : News Nation Bureau