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Covering Head Scientific and Religious Reasons: पूजा के दौरान सिर ढकने के पीछे ये हैं वैज्ञानिक और धार्मिक कारण, जानकर रह जाएंगे हैरान

वैसे तो सिर ढकना (Covered Head during worship) सम्मान का सूचक होता है लेकिन, पूजा पाठ के दौरान सिर ढकना न केवल महिला बल्कि पुरुषों के लिए भी जरूरी होता है. ऐसा करना शुभ माना जाता है.

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Megha Jain
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Covering Head Scientific and Religious Reasons

Covering Head Scientific and Religious Reasons( Photo Credit : social media)

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हिंदू धर्म में सिर ढकने की परंपरा (Covered Head during worship) कई सदियों से चली आ रही है. महिलाएं बड़े बुजुर्गों को सम्मान देने के लिए हमेशा साड़ी या दुपट्टा से सिर ढकती हैं. वैसे तो सिर ढकना सम्मान का सूचक होता है लेकिन, पूजा पाठ के दौरान सिर ढकना न केवल महिला बल्कि पुरुषों के लिए भी जरूरी होता है. ऐसा करना शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि इससे व्यक्ति को पूजा का पूरा लाभ मिलता है, लेकिन वास्तव में इसके पीछे क्या कारण है और इससे क्या फायदे होते हैं, आइए जानते हैं.   

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कहा जाता है कि आकाश में कई तरह की तरंगे निकलती हैं. जिनमें कुछ खराब भी होती हैं. ऐसे में पूजा के दौरान जब हम ईश्वर का ध्यान करते हैं तो वो तरंगे भी हमें अपनी ओर आकर्षित करती हैं. अगर सिर खुला हो तो आकाशीय विद्युतीय तरंगे सीधे व्यक्ति के भीतर प्रवेश कर जाती है, जिसकी वजह से सिर दर्द, आंखों में कमजोरी जैसी समस्याएं होने लगती हैं. सिर के बालों में आकाश में विचरित करते कीटाणु आसानी से चिपक जाते हैं, क्योंकि बालों की चुंबकीय शक्ति उन्हें आकर्षित करती है. ऐसे में ये कई सारे रोग का कारण (Covering head scientific reason) बनते हैं.  

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शास्त्रों के अनुसार सिर ढकने का एक कारण ये भी बताया जाता है कि पूजा में काले रंग का प्रयोग वर्जित माना गया है. हमारे बाल भी काले होते हैं, इसलिए पूजा के दौरान नकारात्मकता से बचने से लिए सिर (Covering Head reason) ढकना जरूरी होता है.

सिर ढककर पूजा करने के पीछे वैज्ञानिक कारण ये है कि सिर ढककर हवन में बैठने से आग की लपटों से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है.  

गरुण पुराण के अनुसार पूजा या किसी भी शुभ काम को करते समय सिर ढका हुआ हुआ होना चाहिए. क्योंकि, इससे चंचल मन भटकता नहीं है बल्कि एकाग्र रहता है. माना जाता है कि जब सिर ढका हुआ होता है. तब, हमारा ध्यान इधर उधर नहीं जाता है.  जिसके चलते पूजा पर पूरा फोकस रहता है. इस नियम का पालन करने से लोगों को भाग्य का साथ भी दोगुना मिलता है. 

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कई लोगों में बाल झड़ने और डेंड्रफ आदि जैसी समस्याएं होती है. ऐसे में पूजा की सामाग्रियों में बाल या डैंड्रफ गिरने से वो अशुद्ध हो जाते हैं. इसलिए भी पूजा में सिर ढकना जरूरी है.

सिर ढककर पूजा करने के पीछे एक वजह वातावरण को सकारात्मक बनाना भी है. माना जाता है सिर पर पल्ला डालकर बैठने से व्यक्ति की मनासिकता बदल जाती है. इससे वो ज्यादा आस्थावान बन जाता है. इससे व्यक्ति के शरीर से निकलने वाली ऊर्जा से उसके आस-पास का महौल (Covering head religious reason) अच्छा बनता है. 

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