Sanatan Dharma: सनातन धर्म के अनुसार, भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) को मूल पूज्नीय माना जाता है. इन्हें त्रिदेव भी कहा जाता है, और यही त्रिमूर्ति कहलाते हैं. त्रिमूर्ति के अलावा, सनातन धर्म में देवी पार्वती, लक्ष्मी, सरस्वती, दुर्गा, काली, हनुमान, गणेश, सूर्य, चंद्रमा, भूमि, वायु, अग्नि, जल, और अकाश जैसे अन्य देवी-देवताओं को भी पूज्नीय माना जाता है. सनातन धर्म में ब्रह्मा, विष्णु और महेश की पूजा के कई नियम हैं. अगर आप सही तरह से और नियमपूर्वरक उनकी पूजा करते हैं तो आपको जल्द पूजा का लाभ मिलता है और भगवान की कृपा आप पर बनीं रहती है.
ब्रह्मा, विष्णु और महेश की पूजा के नियम
श्रद्धा और समर्पण: पूजन के समय भक्त को पूज्य देवता में पूर्ण श्रद्धा और समर्पण के साथ आस्था रखनी चाहिए.
मंत्र जाप: पूजन के समय विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है, जो उनकी पूजा में उचित माना जाता है.
आरती: देवता की आरती जलाई जाती है और उन्हें बिल्वपत्र, धूप, दीप, नैवेद्य, और पुष्प चढ़ाया जाता है.
व्रत और उपवास: कुछ विशेष दिनों पर व्रत और उपवास किया जाता है, जैसे एकादशी और पूर्णिमा.
ध्यान और ध्यान: ध्यान और ध्यान के माध्यम से भक्त देवता की आराधना और समर्पण करते हैं.
सेवा और समर्पण: देवता की सेवा और समर्पण की भावना के साथ उन्हें उपहार दिया जाता है.
पर्वों और त्योहारों में उपासना: विशेष पर्वों और त्योहारों में भक्तों को देवता की उपासना करनी चाहिए, जैसे दिवाली, होली, नवरात्रि, और शिवरात्रि. ये नियम और उपाय भक्त को ब्रह्मा, विष्णु, और महेश की पूजा में समर्थ बनाते हैं और उन्हें आध्यात्मिक संवेदना का अनुभव करने में मदद करते हैं.
ब्रह्मा, विष्णु और महेश पूजा में छिपे रहस्य
ब्रह्मा, विष्णु और महेश - ये तीन देवता हिन्दू धर्म में त्रिमूर्ति के रूप में माने जाते हैं. हम सभी जानते हैं कि ये तीनों ही ब्रह्मांड के सृष्टिकर्ता, पालक और संहारक हैं.लेकिन क्या आपको पता है कि इन तीनों की पूजा में कुछ छिपे गुप्त रहस्य हैं? ब्रह्मा की पूजा के दौरान गुप्त रहस्य है कि इसे सफेद फूल और बेलपत्र से करना चाहिए. यह विशेषतः बुधवार को किया जाना चाहिए. ब्रह्मा की इस पूजा से विद्या, बुद्धि, और ज्ञान की प्राप्ति होती है. विष्णु की पूजा के दौरान गुप्त रहस्य है कि इसे तुलसी पत्र और कमल के फूलों से करना चाहिए. यह विशेषतः शुक्रवार को किया जाना चाहिए. विष्णु की इस पूजा से धन, समृद्धि, और आयुष्य की वृद्धि होती है. महेश की पूजा के दौरान गुप्त रहस्य है कि इसे बिल्वपत्र और धातुरा के पत्तों से करना चाहिए. यह विशेषतः शनिवार को किया जाना चाहिए. महेश की इस पूजा से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इन तीनों देवताओं की पूजा में छिपे गुप्त रहस्यों को जानकर भक्त उनके आसनी से आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. यहां हमने ब्रह्मा, विष्णु और महेश की पूजा के गुप्त रहस्यों को समझाया है जो आपके धार्मिक अनुभव को और भी गहरा बना सकते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau