Shab-E-Barat 2023: भारत में विभिन्न प्रकार के लोग रहते हैं, उनकी संस्कृति, उनके धर्म, उनके त्योहार सब अलग-अलग होते हैं. वहीं इस्लाम कैलेंडर के हिसाब से आज दिनांक 07 मार्च को शब-ए- बारात है. हिजरी कैलेंडर के अनुसार, ये शाबान महीने की 15 तारीख को मनाया जाता है. इस्लाम में इस त्योहार को बहुत ही शुभ माना जाता है. यह दिन अल्लाह की इबादत के लिए काफी विशेष माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन अल्लाह से सभी गुनाहों की माफी मांगने से सभी गुनाह माफ होते हैं. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में शब-ए-बारात की खासियत के बारे में बाएंगे, साथ ही शब-ए-बारात मनाया कैसा जाता है.
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जानें कैसे मनाया जाता है शब-ए- बारात
इस्लाम के हिसाब से, शब-ए-बारात में शब का मतलब रात से है, बारात का मतलब रिहा होने से है. तात्पर्य यह है कि रात के समय गुनाहों से मुक्त होना है. इस दिन मुस्लिम धर्म के लोग अपने मृत पूर्वजों को याद करते हैं और कब्र को फूल अर्पित करते हैं. साथ ही नामाज पढ़कर अल्लाह से अपनी गुनाहों की माफी मांगते हैं. इस दिन घर और मस्जिद को सजाया जाता है और पकवान में हलवा, बिरयानी, कोरमा बनाई जाती है.
क्या है शब-ए- बारात की खासियत ?
इस्लाम धर्म के लोग इस त्योहार को बहुत ही पवित्र और शुभ मानते हैं. इस दिन ये अपने पूर्वजों के कब्र में जाकर रोशनी करते हैं और कब्र पर फूल चढ़ाते हैं. इस दिन अल्लाह की इबादत करने से सभी गुनाहों से मुक्ति मिल जाती है. इसलिए इबादत के लिए शब-ए-बारात की रात का विशेष महत्व है.
कब मनाया जाता है शब-ए- बारात
इस्लाम कैलेंडर के अनुसार, शब-ए-बारात, दीन-ए-इस्लाम के आठवें महीने में शाबान के दौरान मनाई जाती है. यह शाबान महीने की 15वीं तारीख की रात को होती है. इसके बाद 15 दिन के बाद रमजान का पवित्र महीना शुरु हो जाता है. इसलिए रमजान की तैयारी शब-ए-बारात के बाद से होने लग जाती है.