Sharad Purnima 2023 Chandra Grahan: इस साल शरद पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण का साया लगा रहेगा. ऐसे में लोगों में कन्फ्यूज़न इस बात का है कि रात को चांद के दर्शन करें या नहीं. एक साल में 12 पूर्णिमा होती है लेकिन जब अधिकमास का साल होता है उस साल 13 पूर्णिमा का योग बनता है. लेकिन इनमें से शरद पूर्णिमा का महत्व सबसे ज्यादा माना जाता है. इस रास पूर्णिमा भी कहते हैं. मान्यता है कि चंद्रमा इस रात अपनी 16 कलाओं में होता है. रात को खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखकर उसे सुबह ग्रहण करना अमृत रूप माना जाता है. चंद्रमा की विशेष पूजा शरद पूर्णिमा की रात को की जाती है. लेकिन इस साल शरद पूर्णिमा का चंद्रोदय कब होगा, चंद्र ग्रहण का समय क्या है और चांद की पूजा कर सकते हैं या नहीं आइए सब जानते हैं.
शरद पूर्णिमा 2023 की तिथि और समय
हिंदू पंचांग के अनुसार, शरद पूर्णिमा की तिथि 28 अक्टूबर को प्रात: 04:17 AM से शुरू होगी जे 29 अक्टूबर 2023 को 01:53 AM तक रहेगी.
शरद पूर्णिमा पर चंद्रोदय का समय - शाम 05:20 PM है
साल के आखिरी चंद्रग्रहण की तिथि और समय
हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार 28 अक्तूबर को साल 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा
चंद्र ग्रहण शुरू होने का समय - रात 01 बजकर 06 मिनट से शुरू होगा
चंद्र ग्रहण समाप्त होने का समय - रात के 2 बजकर 22 मिनट पर तक चंद्र ग्रहण चलेगा.
चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण के 9 घंटे पहले शुरू होगा यानि 28 अक्तूबर को शाम 4 बजकर 44 मिनट से सूतक लग जाएगा जो ग्रहण की समाप्ति तक चलेगा.
कहां दिखेगा चंद्रग्रहण
साल 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में भी नज़र आएगा. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, एशिया, हिंद महासागर, अटलांटिक, दक्षिणी प्रशांत महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका में भी चंद्र ग्रहण दिखेगा.
शरद पूर्णिमा पर रहेगा चंद्र ग्रहण का साया- चंद्रमा की पूजा करें या नहीं
शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर 02:52 बजे से लग रहा है, और चंद्रोदय शाम को 5 बजकर 20 मिनट पर होगा. ऐसे में ना तो चांद के दर्शन कर सकते हैं और ना ही पूजा. शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा करते हैं जिससे घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है और घर में सुख समृद्धि बनी रहती है. लेकिन इस साल चंद्र ग्रहण के कारण आप ना तो पूजा कर सकते हैं और ना ही चांद के दर्शन. माता लक्ष्मी की कृपा पाना चाहते हैं तो आप सूतक से पहले पूजा करें या फिर ग्रहण खत्म होने के बाद पूजा करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)