Ganga Saptami 2022: गंगा मां के वरदान से कट जाएंगे सारे पाप, होगा जीवन में सिर्फ विकास... जानें गंगा सप्तमी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाने से व्यक्ति को हिंदू धर्म में उसके अतीत और वर्तमान के पापों से मुक्ति मिल जाती है. यह भी माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति का पवित्र नदी के पास अंतिम संस्कार किया जाता है, तो वे मोक्ष प्राप्त करते हैं.

author-image
Gaveshna Sharma
एडिट
New Update
गंगा सप्तमी के दिन इस सरल पूजा विधि से मां गंगा का मिलेगा विशेष वरदान

गंगा सप्तमी के दिन इस सरल पूजा विधि से मां गंगा का मिलेगा विशेष वरदान ( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

Ganga Saptami 2022: गंगा सप्तमी हिन्दू धर्म के लिए महत्वूपर्ण दिन माना जाता है. गंगा सप्तमी प्रत्येक वर्ष वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष सप्तमी के दिन मनाई जाती है. इस बार यह त्यौहार 7 मई को पड़ रहा है. गंगा सप्तमी पूर्ण रूप से मां गंगा को समर्पित दिन है. इस दिन मां गंगा की पूजा की जाती है. गंगा सप्तमी को 'गंगा जयंती' या 'गंगा पूजन' भी कहा जाता है. गंगा सप्तमी को उत्तर भारत में विशेषकर उन तीर्थ स्थानों में जहां से गंगा नदी गुजरती है, यह दिन एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है. ऐसे में चलिए जानते हैं गंगा सप्तमी के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि समेत सभी रोचक तथ्यों के बारे में. 

यह भी पढ़ें: Vinayak Chaturthi 2022 Upay: वैशाख माह में विनायक चतुर्थी पर इस शुभ योग में करें ये चमत्कारी उपाय, गणेश जी का आशीर्वाद पाएं

मान्यताओं के अनुसार, गंगा सप्तमी के दिन देवी गंगा का पुनर्जन्म हुआ था. इसी वजह से वैशाख की सप्तमी तिथि के दिन मां गंगा के लिए विशेष पूजा और प्रार्थना की जाती है. इस दिन प्रयागराज, हरिद्वार, ऋषिकेश, गढ़मुक्तेश्वर, गंगा सागर आदि प्रसिद्ध तीर्थ स्नानों पर हजारों श्राद्धलु गंगा नदी में स्नान करते हैं और गंगा आरती और पूजा करते हैं. 

गंगा सप्तमी 2022 शुभ मुहूर्त (Ganga Saptami 2022 Shubh Muhurt)
- गंगा सप्तमी - 8 मई 2022, रविवार 
- शुभ मुहूर्त - सुबह 10 बजकर 57 मिनट से दोपहर 02 बजकर 38 मिनट तक
- अवधि - पूजा का शुभ मुहूर्त 02 घंटे 41 मिनट तक रहेगा
- सप्तमी तिथि शुरू - 07 मई 2022 को दोपहर 02 बजकर 56 मिनट
- सप्तमी तिथि समाप्त - 08 मई 2022 को शाम 5 बजे 
- गंगा दशहरा - 09 जून 2022, सोमवार 

गंगा सप्तमी पूजा (Ganga Saptami 2022 Puja Vidhi)
- गंगा सप्तमी के दिन सूर्योदय से पहले उठें. गंगा नदी में स्नान करें.
- यदि आप गंगा नदी में स्नान करने में असर्मथ हैं तो घर में ही स्नान करने के जल में गंगा जल मिलाकर स्नान करना चाहिए.
- स्नान के बाद शुद्ध सफ़ेद वस्त्र पहनें और शुद्ध आसन पर बैठ कर 'गंगा सहस्रनाम स्तोत्र' का पाठ करें.

- माँ को फल फूल आदि अर्पित करें.

माना जाता है कि गंगा सप्तमी के दिन गंगा नदी में स्नान करना अति शुभ माना जाता है और सभी पापों से मुक्ति मिलती है. इस दिन दीप दान भी करना चाहिए. ज्योतिषीय गणना के अनुसार यदि किसी व्यक्ति का जीवन 'मंगल' के प्रभाव होता हैं. तो गंगा सप्तमी के दिन गंगा में स्नान करने के बाद गंगा की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से मंगल ग्रह का दुष्प्रभाव कम हो जाता है. 

                              publive-image

गंगा सप्तमी अनुष्ठान (Ganga Saptami 2022 Anushthhan)
- सूर्य के प्रकाश से पहले उठकर गंगा में पवित्र स्नान करें.
- देवी गंगा की पूजा करें.
- देवी को माला और फूल अर्पित करें. 

- मां गंगा को सफ़ेद खाने की चीजों का भोग लगाएं. 
- गंगा आरती करें और उनका आशीर्वाद लें. 
- अंत में दीप दान करें और गंगा नदी में एक दीया जरूर तैराएं. 

गंगा सप्तमी की कथा (Ganga Saptami 2022 Katha)
गंगा सप्तमी की कथा और महत्व धार्मिक ग्रंथों जैसे 'पद्म पुराण', 'ब्रह्म पुराण' और 'नारद पुराण' में गंगा सप्तमी के बारे में बताया गया हैं. हिंदू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गंगा पहली बार धरती पर गंगा दशहरा के दिन अवतरित हुईं थीं. भगवान शिव ने गंगा का अपनी जटा में समा लिया था. भगीरथ ने अपने पूर्वजों की मुक्ति के लिए भगवान शिव से प्रार्थना की गंगा को अपनी जटा से मुक्त करें. देवी गंगा भगीरथ के बताये रास्त पर चलने लगी.

                                publive-image

गंगा नदी के प्रवाह से ऋषि जाहनु के आश्रम नष्ट हो गया. ऋषि जाहनु ने क्रोध से गंगा नदी को पी लिया। भगीरथ और अन्य देवी-देवताओं के विनती करने के बाद ही, ऋषि जाहनु ने वैशाख मास की शुक्ल पक्ष सप्तमी को एक बार फिर गंगा को छोड़ दिया. तब से यह दिन देवी गंगा के पुनर्जन्म का प्रतीक है और इसे 'जाहनु सप्तमी' भी कहा जाता है. ऋषि जाहनु की पुत्री होने के कारण देवी गंगा को जाह्नवी भी कहा जाता है.

गंगा सप्तमी का महत्व (Ganga Saptami 2022 Significance)
भारत में गंगा एक पवित्र नदी के रूप में पूजनीय है. गंगा सप्तमी का त्योहार व्यापक रूप से मनाया जाता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां गंगा और उसकी सहायक नदियां बहती हैं.

ऐसा माना जाता है कि गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाने से व्यक्ति को हिंदू धर्म में उसके अतीत और वर्तमान के पापों से मुक्ति मिल जाती है. यह भी माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति का पवित्र नदी के पास अंतिम संस्कार किया जाता है, तो वे मोक्ष प्राप्त करते हैं. मंगल प्रभावित निवासियों को ग्रह के नकारात्मक प्रभावों से मुक्त होने के लिए गंगा सप्तमी पर देवी गंगा की पूजा करनी चाहिए और नदी में पवित्र स्नान करना चाहिए.

उप-चुनाव-2022 Ganga Saptami Katha Ganga Saptami Date गंगा सप्तमी ganga saptami 2022 Story of Ganga Saptami Ganga Jayanti Date Ganga Pujan Ganga Saptami Puja
Advertisment
Advertisment
Advertisment