Shani Amavasya 2023 : शनिदेव को कर्मफलदाता कहा जाता है, ये व्यक्ति के अच्छे और बुरे कर्मों के हिसाब से साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान फल देते हैं. इसी कारण साढ़ेसाती और ढैय्या शुरु होते ही लोग शनिदेव के दंड से बचने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं. वहीं इस बार शनि अमावस्या दिनांक 17 जून को मनाया जाएगा. अब ऐसे में जो लोग शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या महादशा से परेशान हैं, तो शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपायों को करना बेहद जरूरी है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए कुछ उपायों के बारे में बताएंगे, साथ ही इस दिन किस मंत्र का जाप करने से क्या लाभ होता है.
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इस दिन बन रहा है 3 शुभ संयोग
शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए दिनांक 17 जून बहुत ही खास माना जा रहा है. इस बार दिनांक 17 जून को शनि अमावस्या है और दिन शनिवार है, साथ ही इसी दिन शनि वक्री भी होने जा रहे हैं. अगर आप शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो दिनांक 17 जून बहुत ही शुभ माना जा रहा है.
इस दिन करें ये पाठ
शनि अमावस्या के दिन हनुमान जी को तुलसी की माला चढ़ाएं. ऐसा करने से हनुमान जी जल्द प्रसन्न होते है और उनके प्रसन्न होने से शनिदेव भी जल्द प्रसन्न हो जाते हैं. इस दिन सुंदरकांड और बजरंगबाण का भी पाठ करें. इस दिन हनुमान जी के मंदिर में सिंदूर, चमेली का तेल, लड्डू और नारियल चढ़ाएं.
इस दिन करें इस मंत्र का जाप
शनि अमावस्या के दिन शनि देव के बीज मंत्र का जाप अवश्य करें. इससे व्यक्ति को 23 हजार बार जाप करने से व्यक्ति को शनि का साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिल जाएगी. इस दिन काली उड़द की दाल का दान करना बहुत ही लाभकारी साबित होता है.
इस दिन जरूर करें ये उपाय
शनि अमावस्या के दिन रक्षा स्तोत्र का पाठ करें और गरीबों को सामर्थ्य के अनुसार दान करें. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और शनिदेव को सरसों का तेल, काला तिल आर्पित करें. शनि अमावस्या के दिन काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं और पितरों की शांति के लिए कौए को भाजन कराएं.