Shani Dev anger On These People: जीवन में व्यक्ति का व्यवहार और उसके कर्म ही इस बात को निर्धारित करते हैं कि उसे देवताओं से आशीर्वाद मिलेगा या दंड. अगर व्यक्ति सत्कर्म करता है और किसी को कष्ट नहीं पहुंचाता तो उसे जीवन में सफलता और सुख दोनों की प्राप्ति होती है. वहीं, अगर व्यक्ति का सारा जीवन दूसरों को परेशान करने में बीतता है तो वह खुद को सजा का भागी बना लेता है. शनि देव को न्यायाधीश के रूप में जाना जाता है और व्यक्ति को उसके कर्म के अनुरूप फल देने का उत्तरदाइत्व भी उन्हीं का है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि किस तरह का आचरण करने वाले लोगों पर फूटपड़ता है शनि देव का भयंकर क्रोध और दंड स्वरूप उसे भुगतना पड़ जाता है अत्यंत पीड़ादायी परिणाम.
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धोखा देने वाले लोग
जो लोग दूसरों के साथ विश्वासघात करते हैं. उनके भरोसे को अपनी इर्ष्या, अपने स्वार्थ या अपने अहंकार के चलते तोड़ देते हैं. ऐसे लोगों पर शनि देव का क्रोध बरसता है. ऐसे लोगों पर न सिर्फ शनि देव की कुदृष्टि पड़ती है बल्कि उन्हें साढ़े साती की पीड़ा से भी गुजरना पड़ता है.
दूसरों के लिए गलत बोलने वाले लोग
कई लोगों को बड़ा शौक होता है दूसरों के खिलाफ उल्टा सीधा बोलने का और उनकी गैर मौजूदगी में उनकी बुराई करने का. कुछ लोग तो झूठ का सहारा लेकर दूसरों के प्रति गलत अफवाह फैलाने से भी पीछे नहीं हटते. ऐसे लोग शनि देव को बिलकुल भी नहीं भाते. शनि देव के दंड के चलते ऐसे लोगों को न सिर्फ पारिवारिक कलह का सामना करना पड़ता है अपितु ऐसे लोगों के घर में धीरे धीरे तंगी पैर पसारने लगती है.
पशु-पक्षियों को परेशान करने वाले लोग
जो लोग पशु पक्षियों की सेवा करना तो दूर उल्टा उन्हें हानि पहुंचाते हैं और उन्हें जानबूझकर परेशान करते हैं. ऐसे लोगों को शारीरिक कष्ट जकड़ लेता है. गंभीर बीमारी के चलते ऐसे लोग जीवन में कुछ भी करने योग्य नहीं रह जाते हैं.