Shani Jayanti 2023 : हिंदू पंचांग में हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनाई जाती है. हिंदू धर्म और ज्योतिष में सूर्यदेव और देवी छाया के पुत्र शनिदेव को सभी नवग्रहों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है. वहीं शनि जयंती का दिन शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए बहुत खास है. इस दिन जिस भी जातक पर शनि की ढैय्या और शनि की साढ़ेसाती होती है, उससे मुक्ति पाने के लिए शनि जयंती के दिन कुछ उपाय करने को बताया गया है.तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में शनि जयंती के दिन कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताएंगे, जिसे करने से आपके जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी.
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इस दिन करें इन चीजों का दान
1. शनि जयंती के दिन चाया दान या फिर शनिदेव को तेल चढ़ाना बहुत ही शुभ माना जाता है. इस दिन कांसे या लोहे के कटोरे में सरसों का तेल भरकर उसमें अपना चेहरा देखें, उसके बाद कटोरे सहित इसे किसी गरीब व्यक्ति को दान कर दें. ऐसा करने से आपकी सभी समस्याएं धीरे-धीरे कम होने लग जाएगी.
जिस भी जातक पर शनि की साढ़ेसाती या फिर शनि ढैय्या का प्रभाव है, तो शनि जयंती के दिन शनि मंदिर जाकर पूजा करें. उसके बाद शनिदेव को सरसों के तेल का दीपक जलाएं और शनिदेव को काली उड़द, काला तिल भी अर्पित करें. इस दिन अपने सामर्थ्य के हिसाब से जरूरतमंदों को कुछ दान करें. इससे आपको शनिदोष से जल्द मुक्ति मिल जाएगी.
2. इस दिन करें इनकी उपासना
पीपल और शमी का संबंध सीधे शनिदेव से है. इन दोनों पेड़ों में शनिवार के दिन दीपक जलाने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, साथ ही परिक्रमा करने से शनि की पीड़ा नहीं झेलनी पड़ती है.
3. इस दिन इन मंत्रों का जाप
अगर आपके जीवन में आय दिन कष्ट आते रहते हैं, तो शनिदोष से पीड़ित व्यक्ति को शनि जयंती के दिन शनिदेव के मंत्र का जाप करें और शनिवार के दिन व्रत रखना चाहिए. इससे व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.
‘ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’
शनिदेव के आराध्य भगवान शिव हैं, इसलिए इस दिन शनिदेव के साथ शिवजी पर जल में काले तिल मिलाकर जलाभिषेक करें.
शनिदोष से शांति के लिए हामृत्युंजय मंत्र या 'ॐ नमः शिवाय' का जाप और सुंदरकाण्ड का पाठ करना चाहिए
इस दिन हनुमान जी की पूजा अवश्य करना चाहिए.