Shani Jayanti 2024: शनि जयंती न्याय के देवता, शनिदेव के जन्म का उत्सव है. इस साल, शनि जयंती 8 मई 2024 को मनाई जाएगी. शनिदेव को सूर्यदेव और छाया के पुत्र माना जाता है. वे कर्मफलदाता के रूप में जाने जाते हैं और व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं. शनिदेव को न्याय का प्रतीक भी माना जाता है और वे सभी के साथ न्याय करते हैं, चाहे वह किसी भी स्थिति या पद पर क्यों न हो. शनि जयंती के दिन, भक्त शनिदेव की पूजा करते हैं और उनसे अपने पापों की क्षमा मांगते हैं. वे शनिदेव से अपने जीवन में सुख और समृद्धि की प्रार्थना भी करते हैं.शनि देव की पूजा शनिवार के दिन करना सबसे अच्छा होता है. पूजा करते समय शांत मन और एकाग्र रहें. नकारात्मक विचारों से दूर रहें. शनि देव को नियमित रूप से पूजा करने से आपके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होगी. पूजा के बाद मूर्ति को स्पर्श न करें.
शनि देव की पूजा विधि
सामग्री
शनि देव की मूर्ति या प्रतिमा
तिल का तेल
काला कपड़ा
धूप
दीपक
फूल
फल
नैवेद्य (पान, सुपारी, लौंग, इलायची, आदि)
काले चने
शनि चालीसा
विधि
सबसे पहले, स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहन लें. पूजा स्थान को साफ और शुद्ध करें. पूजा स्थान पर एक चौकी रखें और उस पर काला कपड़ा बिछाएं. शनि देव की मूर्ति या प्रतिमा को चौकी पर स्थापित करें. मूर्ति के सामने दीपक जलाएं और धूप जलाएं. आचमन करें अपने दाहिने हाथ में जल लेकर, अंगुष्ठा और तर्जनी उंगली से छूकर, जल का थोड़ा सा भाग ग्रहण करें और शेष जल को जमीन पर छोड़ दें. शनि देव की पूजा का संकल्प लें. संकल्प में, आप अपनी मनोकामना व्यक्त कर सकते हैं और शनि देव से आशीर्वाद मांग सकते हैं. षोडशोपचार अर्पित करें. षोडशोपचार में जल, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, सुगंध, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, फल, घी, शहद, दूध, दही, और कपूर शामिल हैं.
शनि चालीसा का पाठ करें. शनि चालीसा का पाठ करते समय, शनि देव पर ध्यान केंद्रित करें और उनसे प्रार्थना करें. शनि देव की आरती उतारें. भोग अर्पित करें, भोग में काले चने, उड़द की दाल, या सरसों का तेल से बनी कोई भी चीज शामिल हो सकती है. शनि देव से अपनी मनोकामना व्यक्त करें और उनसे आशीर्वाद मांगें. पूजा के समापन पर, प्रसाद ग्रहण करें.
शनि देव की पूजा शनिवार के दिन करना सबसे अच्छा होता है. पूजा करते समय काले रंग के वस्त्र पहनें. तिल का तेल अर्पित करें और शनि चालीसा का पाठ नियमित रूप से करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau