Shani Ke Upay: शनि ग्रह कर्म और न्याय का प्रतीक है. अगर आपकी कुंडली में शनि कमजोर या अशुभ स्थिति में है, तो आपको धन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. शनिदेव को हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता माना जाता है, जिनकी पूजा और अर्चना से दुःख और दरिद्रता का नाश होता है. वे न्याय के देवता हैं और कर्मों का फल देने वाले माने जाते हैं. शनिदेव के उपासना से व्यक्ति को उनकी दुःख और दरिद्रता से मुक्ति मिलती है. शनिदेव की पूजा करने से व्यक्ति को धन, संतान, स्वास्थ्य, और सामाजिक स्थिति में सुधार होता है. उनकी कृपा से व्यक्ति को विपत्तियों और कष्टों से मुक्ति मिलती है और उसका जीवन सुखमय बनता है. शनिदेव की पूजा और उनकी आराधना के माध्यम से व्यक्ति को अपने दुःखों का सामना करने की शक्ति मिलती है और उसे अपने जीवन की समस्याओं का समाधान ढूंढने में सहायता मिलती है. उनकी उपासना और पूजा से दुःख और दरिद्रता को दूर किया जा सकता है, और व्यक्ति को उनके जीवन में समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है.
1. शनिदेव की पूजा
शनिवार को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. फिर शनिदेव की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं और "ॐ शनिदेवाय नमः" मंत्र का जाप करें. शनि चालीसा का पाठ भी करें. शाम को सूर्यास्त के बाद शनिदेव की आरती करें और फिर भोजन ग्रहण करें. शनिवार को पीपल के पेड़ की जड़ में जल, तेल और गुड़ अर्पित करें. पेड़ के चारों ओर कच्चा सूत लपेटें और 11 दीपक जलाएं. शनिदेव से अपनी मनोकामना व्यक्त करें. शनिवार को शनिदेव की मूर्ति पर सरसों का तेल, तिल का तेल या नारियल का तेल चढ़ाएं. तेल चढ़ाते समय "ॐ शनिदेवाय नमः" मंत्र का जाप करें.
2. दान-पुण्य
शनिवार को काले कपड़े, तिल, लोहा, जूते, छाता आदि का दान करें. आप गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन भी दान कर सकते हैं. शनिवार को शनिदेव से जुड़े मंदिरों में जाकर दान करें. आप मंदिर में तेल, दीपक, चंदन, फूल आदि दान कर सकते हैं.
3. शनि के मंत्रों का जाप
यह शनिदेव का सबसे सरल और शक्तिशाली मंत्र है. आप इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप कर सकते हैं. शनिवार को शनि चालीसा का पाठ करें. यह शनिदेव को प्रसन्न करने का एक प्रभावी तरीका है. आप शनिदेव के विभिन्न स्तोत्रों का भी पाठ कर सकते हैं, जैसे कि शनि स्तोत्र, शनि कवच आदि.
4. शनि के रत्न धारण करें
नीलम: नीलम शनि का रत्न है. यदि आपकी कुंडली में शनि कमजोर है, तो आप नीलम रत्न धारण कर सकते हैं. नीलम रत्न धारण करने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह लें.
गोमेद: गोमेद भी शनि का रत्न है. यह रत्न शनि के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद करता है.
5. शनि के यंत्र
आप शनि यंत्र की स्थापना अपने घर या पूजा स्थान में कर सकते हैं. शनि यंत्र की पूजा करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है.
इन उपायों के अलावा, आपको अपने जीवन में अनुशासन और सच्चाई का पालन करना चाहिए. गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें और हमेशा सकारात्मक सोच रखें. इन सबके साथ-साथ शनिदेव की कृपा से आपकी दरिद्रता दूर होगी और आपको धन-संपदा प्राप्त होगी.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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Source : News Nation Bureau