Shani Pradosh 2024 Upay: शनिवार के दिन आने वाले व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहते हैं. ये एक हिंदू व्रत है जो भगवान शिव और शनि देव को समर्पित है. प्रदोष का व्रत हर महीने में दो बार, कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों में प्रदोष तिथि को रखा जाता है. शनि प्रदोष व्रत शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए रखा जाता है. शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है. यह व्रत शनि देव की कृपा प्राप्त करने और उनके प्रतिकूल प्रभावों से बचने के लिए रखा जाता है. भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए भी भक्त ये व्रत रखते हैं. भगवान शिव को कल्याणकारी देवता माना जाता है. यह व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए रखा जाता है. इसके अलावा मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भी शनि प्रदोष व्रत रखना अच्छा होता है.
शनि प्रदोष व्रत के लाभ
शनि देव की कृपा प्राप्त होने से आपके जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं. भगवान शिव की कृपा प्राप्त होने से आपके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है. इसलिए लोग इस व्रत को रखते हैं. अगर आप किसी मनोकामने के साथ ये व्रत रखते हैं तो भगवान शिव और शनिदेव की कृपा से वो भी पूरी होती है.
शनि प्रदोष व्रत के उपाय
1. शनि देव की पूजा
शनि प्रदोष के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें. घर के मंदिर में शनि देव की प्रतिमा के सामने दीप जलाएं. शनि देव को काले तिल, उड़द की दाल, सरसों का तेल, और नारियल चढ़ाएं. शनि चालीसा का पाठ करें.
2. भगवान शिव की पूजा
शनि प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा भी करें। भगवान शिव को जल, दूध, बेलपत्र, और धूप चढ़ाएं। शिव पंचाक्षर मंत्र का जाप करें.
3. दान
शनि प्रदोष के दिन दान करना बहुत शुभ माना जाता है. आप गरीबों को दान कर सकते हैं, या किसी धार्मिक संस्था को दान कर सकते हैं.
4. उपवास
यदि आप चाहें तो शनि प्रदोष के दिन उपवास भी रख सकते हैं. उपवास रखने से शनि देव और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है.
5. मंत्र जाप
शनि प्रदोष के दिन आप शनि देव के मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं.
प्रसिद्ध शनि मंत्र हैं:
ॐ शं शनिश्चराये नमः
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनिश्चराये नमः
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शनैश्चराय नमः
6. शनि प्रदोष व्रत कथा
शनि प्रदोष के दिन आप शनि प्रदोष व्रत कथा भी पढ़ सकते हैं. यह कथा शनि प्रदोष व्रत के महत्व और इसके लाभों के बारे में बताती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau